उत्तर प्रदेश

बांदा में ‘ट्री’ की बजाय ट्रेन डेकोरेट कर मनाते हैं क्रिसमस डे ब्रिटिश काल से है परंपरा


संवाद/ विनोद मिश्रा


बांदा। दुनियाभर में जहां 25 दिसंबर के दिन क्रिसमस ट्री को सजाकर क्रिसमस डे धूमधाम से मनाया जाता है, वहीं यूपी के बांदा में एक परंपरा ऐसी भी है जहां लोग ट्रेन को सजाकर क्रिसमस सेलिब्रेट करते हैं।ख़ास बात यह है कि ये कोई नयी परंपरा नहीं बल्कि पिछले कई सौ सालों से यहां ऐसा होता आ रहा है।
बांदा जिले के अतर्रा रेलवे स्टेशन में हर साल की तरह इस बार भी क्रिसमस के दिन लोगों ने प्लेटफार्म पहुंचकर पहले झांसी-इलाहाबाद ट्रेन को सजाया, फिर उसकी पूजा की और ट्रेन स्टाफ को गिफ्ट दे उनका मुंह मीठा कराया। इसके अलावा गार्ड और स्टेशन अधीक्षक का भी स्वागत किया गया।


दरअसल, ट्रेन सजाकर इस तरह क्रिसमस मनाने के पीछे ब्रिटिश काल से चली आ रही एक परंपरा और दिलचस्प कहानी है।जिसके अनुसार अंग्रेजी शासन के दौरान 25 दिसंबर के दिन ही झांसी-इलाहाबाद ट्रेन के रूप में पहली रेलगाड़ी अतर्रा रेलवे स्टेशन आयी थी। उस समय स्टेशन के पास रहने वाले बिन्दा प्रसाद नाम के व्यक्ति ने कस्बे के सैकड़ों लोगों को साथ लेकर इस चलन की शुरुआत की थी।बाद में ट्रेन के प्रति लोगों की आस्था इस कदर बढ़ती चली गयी कि वह इसे हर साल क्रिसमस डे के तौर पर मनाने लगे।