आगरा।भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) आगरा द्वारा यूथ हॉस्टल में एक विचार गोष्ठी का आयोजन शैलेंद्र रघुवंशी की स्मृति में किया गया। गोष्ठी का विषय था – “शेक्सपियर : कालजयी नाटककार” जिसकी अध्यक्षता पूर्व डीन दयालबाग विश्वविद्यालय प्रो. (डॉ) कमलेश नागर ने की। मुख्य वक्ता विषय विशेषज्ञ व संस्कृति मर्मज्ञ डॉ नीलम मेहरोत्रा व इप्टा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रो. (डॉ) ज्योत्स्ना रघुवंशी थीं। सर्वप्रथम स्व. शैलेंद्र रघुवंशी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई।
वक्ता डॉ ज्योत्स्ना रघुवंशी ने बताया कि शैलेंद्र रघुवंशी ने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से स्नातक करने के बाद फ़िल्म नगरी मुंबई का रुख़ नहीं किया बल्कि आगरा में रह कर रंगकर्म की सेवा करने और अपने पिता नाट्य पितामह राजेंद्र रघुवंशी के मिशन को आगे बढ़ाने का प्रण लिया। सर्वप्रथम आगरा में शेक्सपियर का नाटक हैमलेट किया। विषय विशेषज्ञ वक्ता डॉ नीलम मेहरोत्रा ने शेक्सपियर की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए शेक्सपियर की ज़िंदगी के कई अनछुए पहलुओं की भी विस्तार से व्याख्या की। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. (डॉ) कमलेश नागर ने शेक्सपियर के गृहनगर के वृत्तांत को साझा किया।
प्रो. रामवीर सिंह और रमेश पंडित ने अपने वक्तव्यों में शैलेंद्र रघुवंशी को श्रद्धांजलि अर्पित की। इप्टा आगरा के वरिष्ठ रंगकर्मी ओम शर्मा ने शैलेंद्र रघुवंशी के साथ हैमलेट नाटक की प्रस्तुति के समय के अपने अनुभव साझा किए। इप्टा आगरा के वरिष्ठ रंगकर्मी शकील चौहान को उनके रंगकर्म के प्रति सेवाओं और समर्पण के लिए अवध बिहारी ट्रस्ट, कानपुर द्वारा सम्मानित किया गया।
डॉ. शशि तिवारी व स्वर्गीय वीरेंद्र सिंह द्वारा दिए जाने वाले इस सम्मान में डॉ. शशि तिवारी जी ने शॉल ओढ़ाकर स्मृति चिन्ह भेंट किया।
असलम ख़ान ने शेक्सपियर रचित कविता का पाठ किया।
नगर के उपस्थित विशिष्ट अतिथियों में अनिल शर्मा, ओम प्रकाश, पूरन सिंह, नीरज मिश्रा, रविन्द्र रघुवंशी, भारत सिंह सिकरवार, कुमकुम रघुवंशी, अर्चना सारस्वत, कुसुम चतुर्वेदी, विशाल रियाज़, संजय सिंह, राधेश्याम यादव, बलवीर सिंह गहलोत प्रमुख रहे।
संचालन का भार इप्टा के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव व आगरा इप्टा के मुख्य निर्देशक दिलीप रघुवंशी ने बख़ूबी संभाला व अंत में मुक्ति किंकर ने उपस्थित अतिथियों का आभार व्यक्त किया।