उत्तर प्रदेश

मथुरा जं. रेलवे स्टेशन का 119वाँ स्थापना दिवस मनाया


आगरा। स्टेशन महोत्सव योजना के अंतर्गत आगरा मंडल के मथुरा जं. रेलवे स्टेशन का 119 वाँ स्थापना दिवस मनाया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में स्टेशन महोत्सव योजना के अंतर्गत पूरे भारत वर्ष में स्टेशनो का स्थापना दिवस कार्यक्रम मनाया जा रहा है। इसी क्रम में आगरा मंडल में प्रमुख स्टेशनो के स्थापना दिवस पर कार्यक्रम किये जायेंगे जिसमे मथुरा जं. रेलवे स्टेशन का 119वाँ स्थापना दिवस आज मनाया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में सांसद मथुरा-वृन्दावन हेमा मालिनी व विधायक मथुरा श्रीकांत शर्मा तथा मंडल रेल प्रबंधक आगरा तेज प्रकाश अग्रवाल की उपस्थित में स्टेशन के इतिहास और स्टेशन के बारे में जागरूकता बढाने के लिए स्टेशन महोत्सव मनाया गया। स्टेशन महोत्सव में मथुरा जं. रेलवे स्टेशन की स्थापना के 119 वर्षों के समृद्ध इतिहास को याद किया गया। स्टेशन से जुड़े इतिहास की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए फोटो प्रदर्शनी लगाई गई।


इस अवसर पर स्कूल के बच्चे ,स्काउट एंड गाइड एवं सांस्कृतिक टीम द्वारा स्टेशन के इतिहास पर विभिन्न संस्कृतिक कार्यक्रम किये गये आगरा मंडल के रेलवे अधिकारी जेडआरयूसीसी सदस्य एवं डीआरयूसीसी सदस्य, सेवानिवृत्त और सेवारत कर्मचारियों की मौजूदगी में स्टेशन महोत्सव कार्यक्रम संपन्न हुआ। मथुरा जं. रेलवे स्टेशन, देश के सबसे पुराने रेलवे स्टेशनों में से एक के रूप में ऐतिहासिक महत्व रखता है। ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के दौरान स्थापित, स्टेशन ने परिवहन और व्यापार को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मथुरा भगवान कृष्ण की जन्मभूमि है। वृंदावन-मथुरा से 11 कि.मी. दूर है। इसलिए दोनों स्थान प्रमुख तीर्थस्थल हैं।

इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की सबसे बड़ा तेल रिफाइनरियों में से एक मथुरा रिफायनरी मथुरा में स्थित है मथुरा जं. रेलवे स्टेशन की स्थापना सन 1904 में हुई थी मथुरा कैंट लाइन 1875 में बंबई,बड़ौदा और मध्य भारत रेलवे द्वारा खोली गई थी। यह 1952 में पूर्वोत्तर रेलवे को हस्तांतरित किया गया था। 2009 में मथुरा-कासगंज लाइन को मीटर गेज से परिवर्तित कर ब्रॉड गेज किया गया था। 11 कि.मी. लंबी मीटर गेज मथुरा- वृंदावन शाखा लाइन बंबई, बड़ौदा और मध्य भारतीय रेलवे द्वारा 1889 में खोली गई थी। 1982-85 में फरीदाबाद-मथुरा-आगरा खंड का विद्युतीकरण किया गया। 1985-86 में मथुरा-भरतपुर-गंगापुर सिटी लाइन का विद्युतीकरण किया गया था।

दक्षिण सीमा और पश्चिमी सीमन्त ट्रेनों के लिए एक जंक्शन है। यह भारत के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। इस रेलवे जंक्शन स्टेशन से सात मार्ग / लाइनें जाती हैं। मथुरा जंक्शन भारत का सबसे बड़ा रेलवे जंक्शन भी है। उत्तर से दक्षिण भारत का मुख्य लाइन तथा राजस्थान राज्य के लिए रेलवे लाइन इसी स्टेशन से होकर गुजरती है। इस स्टेशन पर बहुत सी मुख्य ट्रेनों का स्टॉपेज भी है जिनमें गतिमान एक्सप्रेस शताब्दी एक्सप्रेस,राजधानी मुख्य ट्रेनें है।


आधुनिकता व विकास के इस दौर में विरासत को सजोए रखते हुए मथुरा स्टेशन का पुनर्विकास करने के लिए मथुरा रेलवे स्टेशन को पुनर्विकास योजना” के तहत चुना गया है ।आगरा मंडल में “पुनर्विकास योजना” के अंतर्गत 02 स्टेशन (आगरा ,मथुरा ) का उच्चीकरण तथा विकास किया जाना है मथुरा रेलवे स्टेशन जिसके पुनर्विकास की लागत लगभग 800 करोड़ रूपये आयेगी
स्टेशन पर आधुनिक सुविधाऐ- जिसमे मुख्यतः परिसर क्षेत्र का विकास, स्टेशन भवन का नवीनीकरण, प्लेटफ़ॉर्म में नये शेड लगाना, खान-पान, स्टेशन मार्ग का चौडीकरण, प्लेटफ़ॉर्म एवं परिसर क्षेत्र में जल निकासी में सुधार, उच्च गुणवत्ता की फर्श, संकेत बोर्ड/डिस्प्ले बोर्ड, एफओबी, लिफ्ट, दिव्यांग जन के लिए सुविधाएं, एलईडी आधारित स्टेशन नाम बोर्ड,कीयोस्क आदि प्रस्तावित कार्य है। मथुरा रेलवे स्टेशन का आधुनिकीकरण होने से स्थानीय लोगों को तो सुविधा मिलेगी ही साथ ही साथ बाहर से आने वाले यात्री लाभान्वित होंगे।