संवाद/विनोद मिश्रा
बांदा। जिले के निर्वाचित सत्ताधारी नेताओं के अलावा प्रशानिक अधिकारियों को मोबाइल वाट्सअप पर प्राइवेसी लगानें का शौक चरम पर हैं। “यह योगी सरकार की कुशल नीतियों की हवा निकाल रहे हैं?आम जनता की फरियाद भी इनके प्राइवेसी शौक से परेशान है”। वाट्सअप पर फरियाद बताने के लिये परेशान जनता जिला स्तरीय एवं प्रशानिक अधिकारियों तथा निर्वाचित नेताओं के इस शौक को नकारा की संज्ञा देकर कोसने का कार्य कर रही हैं। “इस जिले में तिंदवारी विधायक एवं राज्य मंत्री रामकेश निषाद ,सदर विधायक प्रकाश दिवेदी एवं जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील सिंह पटेल को छोड़ कुछ यहां के निर्वाचित नकारा जनप्रतिनिधियों को प्राइवेसी लगाने शौक लग गया हैं।
जो मोदी और योगी के नाम की बदौलत राजनीति के झूले में पेंगें मार मस्ती ले रहे हैं? धरातल की राजनीति इनकी ढोल में पोल हैं? अपनें को राजनीति का सूरमा भोपाली समझने की भूल से कर बैठे हैं”? देश के अन्य प्रांतों के मुख्य मंत्रियों की कार्यशैली की तुलना में अति सुपर माने जाने वाले आदित्य नाथ की नीतियों को नाथने की साजिश इस जिले के प्रशासनिक अधिकारी और सत्ता दल के निर्वाचित नेता कैसे और क्यों कर रहे हैं ? यह जिले में इन दिनों खासा चर्चा का विषय हैं? जनता का यह कहना है की सीएम योगी एक कमेटी बना बांदा के अधिकारियों और भाजपा नेताओं के वाट्सअप नंबरों पर मैसेज भेजकर चेक करायें कि कौन प्राइवेसी लगाये हैं और क्यों?