कासगंज। जायरीनों का जत्था आज उमरा के लिए रवाना हुआ। जायरीनों को विदा करने के लिए परिजन, नाते-रिश्तेदार मुलाकात करने घर पहुंचे। घर पर जायरीनों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया गया। लोगों ने काबा शरीफ में दुआ की दरख्वास्त की। जायरीनों ने भरोसा दिलाया कि अल्लाह के दरबार में पहुंचकर वे सबसे पहले मुल्क में अमन-चैन व भाईचारा स्थापित करने को दुआख्वानी करेंगे।
जायरीन हाजी मोहम्मद साजिद ने बताया हज वर्ष में केवल एक बार होता है, जबकि उमरा साल में कभी भी किया जा सकता है। प्रत्येक वर्ष बड़ी संख्या में लोग उमरा पर जा रहे हैं। मक्का, मदीना शरीफ की यात्रा नसीब वालों को ही मिलती है। उमरा कर हिन्दुस्तान की खुशहाली के लिए दुआ करूंगा। उमरा पर जाने वाले जायरीन कासगंज बड्डू नगर के डॉ मुहम्मद फारूक के बेटे मुहम्मद मारूफ ने बताया मुसलमानों की सबसे बड़ी ख्वाहिश हज व उमरा करने की होती है। दुआ करूंगा कि हज व उमरा करने का मौका हर मुसलमान को नसीब हो। जायरीन अपने निजी वाहन से दिल्ली एयरफोर्ट को रवाना हुए।इस मौके पर डॉ मुहम्मद फारूक ,मुशीर अहमद जीलानी,नूरूल इस्लाम,मुहम्मद हारून शानू,हाजी मोहम्मद ताहिर,शोएब अहमद,मुहम्मद जुबैर लकी, डॉ साकिब शम्स आदि लोगों ने उनके स्वास्थ्य आसान सफर उमरा कबूल की अल्लाह से दुआ मांगी।
आज उमरा को जाने वाले जायरीनों में मोहम्मद हसीन,हाजी मोहम्मद साजिद,मुहम्मद मारूफ शोबी,हाजी नफीस अहमद,रहीस अंसारी,हयात मियां व कई मोहतरमा के अलावा काफी लोग उमरा करने के लिए रवाना हुये।