संवाद/ विनोद मिश्रा
बांदा। जिले का किसान गहन चिंता में है। ठंड व कोहरे के डाके का कहर फसलों पर पड़ने लगा है। यदि ऐसे ही कुछ दिन कोहरे की चादर चढ़ी रही तो अरहर की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान होगा। मसूर, चना, सरसों व अलसी की फसल भी चौपट हो सकती है। कृषि विशेषज्ञ ने फसलों को पाले से बचाने के लिए सिंचाई व धुआं करने की सलाह दी है। आपको बता दें की मौसम की मार से किसानों की फसलें तबाही की कगार पर हैं। लगातार पड़ रही कड़ाके की ठंड व कोहरे से फसलों पर पाला का संकट बढ़ गया है। किसान चिंतित व परेशान हैं।
जिला कृषि विज्ञान केंद्र वैज्ञानिक डॉ.मुलायम सिंह ने बताया कि कोहरे का सबसे ज्यादा विपरीत प्रभाव अरहर या बिना सिंचाई वाली फसलों पर पड़ेगा। जिन किसानों ने पलेवा करके मसूर, सरसों, अलसी, चना व गेहूं की बुवाई की है, उन्हें पाला से भयभीत होने का खतरा कम है। पाला से बचने के लिए खेतों में पर्याप्त नमी होनी चाहिए। उन्होंने सलाह दी कि चना, गेहूं, अलसी व सरसों की फसलों में सिंचाई कर दें। मसूर की फसल में सिंचाई से नुकसान होगा। इस फसल को पाला से बचाने के लिए किसान खेतों के किनारे धुआं करें।