रिहाई का गलत आदेश देने वाले सुप्रीम कोर्ट के जजों के खिलाफ़ न्यायपालिका को कार्यवाई करनी चाहिए
लखनऊ। बिल्किस बानो के बलात्कारीयों की रिहाई को निरस्त कर दोषियों को दुबारा जेल भेजने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस ने स्वागत किया है। अल्पसंख्यक कांग्रेस ने दोषियों की रिहाई के बाद कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए उन्हें दुबारा जेल भेजने की मांग के साथ पूरे प्रदेश में 15 दिनों का हस्ताक्षर अभियान चलाया था।
अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अगस्त 2022 में जब सुप्रीम कोर्ट ने बिल्किस बानो के बलात्कारियों को केंद्र की मोदी सरकार की अनुमति से रिहा किया था तब पूरी दुनिया में हमारी न्यायपालिका की छवि धूमिल हुई थी। इस फैसले से सुप्रीम कोर्ट की खराब हुई छवि थोड़ी बहुत दुरुस्त होगी। उन्होंने कहा कि अब सवाल यह है कि बलात्कार के दोषियों की गैर क़ानूनी रिहाई का आदेश सुनाने वाले जजों पर भी सुप्रीम कोर्ट कोई कार्यवाई करेगी या नहीं।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि बिल्किस के अपराधियों को विधान सभा चुनाव से पहले रिहा किया गया था इसलिए उनकी रिहाई को न्यायिक से ज़्यादा राजनीतिक फैसला माना गया था। इसलिए भी यह ज़रूरी है कि सुप्रीम कोर्ट उन जजों के खिलाफ़ कार्यवाई कर यह संदेश दे कि न्यायपालिका राजनीतिक दबाव और प्रभाव में आने वाले जजों के खिलाफ़ सख़्ती दिखाने और अपनी स्वायत्तता को बचाने में सक्षम है।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इस फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट को अपने उस फैसले पर भी पुनर्विचार करना चाहिए जिसमें उसने गुलमर्ग सोसाइटी में मार दिए गए पूर्व सांसद एहसान जाफ़री की पत्नी ज़किया जाफ़री द्वारा नरेंद्र मोदी को एसआईटी द्वारा क्लीन चिट दिए जाने के खिलाफ़ दायर याचिका को अस्वीकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इस तथ्य पर ज़रूर विचार करना चाहिए कि बिल्किस बानो के अपराधी भाजपा और आरएसएस से जुड़े सामान्य कार्यकर्ता थे तब बिल्किस को न्याय पाने में इतनी दिक्कत हुई। यहाँ तक कि न्यायपालिका को भी प्रभावित कर लिया गया। जबकि एहसान जाफ़री मामले में सीधे तत्कालीन मुख्यमन्त्री और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका की जाँच की मांग की गयी थी। जिसमें निश्चित तौर पर न्यायपालिका पर ज़्यादा दबाव होने की संभावना रही होगी।
शाहनवाज़ आलम ने बिल्किस बानो के दोषियों को दुबारा जेल भेजने की मांग के साथ 18 अगस्त से 4 सितंबर 2022 तक चलाए गए 15 दिनों के अभियान के लिए अल्पस्यंखक कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं का धन्यवाद प्रेषित किया।