संवाद/विनोद मिश्रा
बांदा। परिषदीय स्कूलों में समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बेसिक कम्युनिकेशन स्किल कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। इसके तहत शिक्षकों को सांकेतिक भाषा का ज्ञान कराया जाएगा। इसकी मानीटरिंग शुरू हो गई है। बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में समग्र शिक्षा अभियान के तहत दिव्यांग बच्चों को भी शिक्षा दी जा रही है। विभिन्न दिव्यांगता के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए अभी स्पेशल एजुकेटर नियुक्त किए हैं। लेकिन दिव्यांग बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने और सामान्य बच्चों के साथ सामान्य तरीके से रहने के लिए प्रयास किया जा रहा है।
इसके लिए अब परिषदीय विद्यालयाें के सभी शिक्षकों को भी इन बच्चों को सिखाने के लिए तैयार किया जा रहा है। शिक्षकों को भी बेसिक कम्युनिकेशन स्किल सिखाई जाएगी। हाल में भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र द्वारा 30 से 40 घंटे का सेल्फ लर्निंग कोर्स ऑनलाइन वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। यह सांकेतिक भाषा के बारे में है।
यह प्रशिक्षण सभी स्पेशल एजुकेटर, परिषदीय विद्यालयों के सभी शिक्षकों और कस्तूरबा विद्यालयों के सभी शिक्षकों को अनिवार्य रूप से करना पड़ेगा। समर्थ ऐप पर इस प्रशिक्षण का रिकॉर्ड दर्ज होगा।
बीएसए ने बताया की सांकेतिक भाषा का प्रशिक्षण लेने के लिए विद्यालयों के शिक्षकों को निर्देशित कर दिया गया है। इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी।