राजस्थान

हज़रत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के बुलंद दरवाजे पर शानो शौकत से लगा उर्स का झंडा

संवाद – मुहम्मद नज़ीर क़ादरी


अजमेर। विश्व प्रसिद्ध सूफी संत हज़रत ख़्वाजा ख्वाजा मुईन उद्दीन चिश्ती की दरगाह में 812वें उर्स का झंडा सोमवार को बुलंद दरवाजे पर परंपरागत तरीके से शानो शैकत के साथ फहराया गया। भीलवाड़ा का गौरी परिवार ने 80वीं बार दरगाह के बुलंद दरवाजे पर झंडा चढ़ाने की रस्म निभाई. इस दौरान लाल मोहम्मद गौरी के पोते फखरुद्दीन झंडा चढ़ाने की रस्म अदा की। झंडा चढाए जाने की रस्म के अवसर पर दरगाह परिसर जायरीन और स्थानीय नागरिकों से खचाखच भरा था। इससे पहले झंडे का जुलूस दरगाह गेस्ट हाउस से असर की नमाज के बाद शाम को निकाला गया जो लंगर खाना गली, दरगाह बाजार, निजाम गेट होता हुआ बुलंद दरवाजे तक पहुंचा। इस बीच हजारों जायरीन झंडे को चूमने, हाथ लगाने के लिए बेताब हो रहे थे। झंडा के जुलूस में बैंड, ढोल बजाते लोग चल रहे थे वहीं झंडे के आगे आगे शाही कव्वाल के साथ गौरी परिवार चल रहा था। कव्वाल कव्वाली गाते चल रहे थे।
उर्स में दरगाह शरीफ आने वाले जायरीन के लिए जिला प्रशासन और दरगाह कमेटी मेंबर ने माकूल बंदोबस्त किए हैं.
इस साल उर्स में तीन लाख जायरीन और हजारों की संख्या में वाहनों के पहुंचने की उम्मीद है. सुरक्षा के लिए सैकड़ों की तादाद में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. उर्स की विधिवत शुरुआत रजब का चांद दिखाई देने पर 12 या 13 जनवरी की रात से शुरू होगी।