उत्तर प्रदेश

बांदा में गांवों की सड़कों की बदल जायेगी तस्वीर अब रहेंगी गड्ढ़ा मुक्त


संवाद/विनोद मिश्रा


बांदा। जिले के गांवों की तस्वीर अब बदलने वाली है। अब शहरों से लेकर गांवों तक सड़कें चकाचक हो जाएंगी। जिले में बनने वाली गांव की सभी सड़कों का पांच वर्षों बाद नवीनीकरण किया जाएगा। लोक निर्माण विभाग द्वारा इस संदर्भ में तैयार की गई नई नीति को कैबिनेट बाइर्कुलेशन ने मंजूरी प्रदान कर दी है। अब गांव की सड़कें भी चकाचक रहेंगी। अभी तक आठ वर्ष बाद ही ग्रामीण मार्गों का नवीनीकरण किया जाता था। राज्य मार्गों व प्रमुख जिला मार्गों के लिए चार, अन्य जिला मार्गों के लिए पांच तथा ग्रामीण मार्गों के नवीनीकरण लिए आठ वर्ष का समय निर्धारित था।


नई नीति के अनुसार लोक निर्माण विभाग के अधीन आने वाले चारों प्रकारों के मार्गों की पांच वर्षों तक देखरेख की जिम्मेदारी उसे बनाने वाले ठेकेदार की होगी। इसके बाद अगर सड़क टूटती है तो उनका नवीनीकरण करवाया जाएगा। 2003 से लोनिवि ने यह व्यवस्था की थी कि ग्रामीण मार्गों का आठ वर्ष बाद ही नवीनीकरण किया जाएगा। 20 वर्षों में प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में भी वाहनों की संख्या काफी बढ़ गई है। इसके चलते तमाम सड़कें आठ वर्ष से पहले टूट रही हैं। अक्टूबर से प्रदेश की सड़कों को गड्ढामुक्त किए जाने का अभियान के सर्वेक्षण में सबसे ज्यादा बुरा हाल ग्रामीण सड़कों का निकला था। उसके बाद नई नीति तैयार कर सरकार को मंजूरी के लिए भेजी गई थी।