राजस्थान

महरौली में 700 साल पुरानी अखुजी मस्जिद को जमींदोज़ करने पर अंजुमन सैयद जादगान ने जताया विरोध

संवाद। मोहम्मद नज़ीर क़ादरी

अज़मेर । विश्व प्रसिद्ध महान सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती से जुड़े खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद जादगान ने कडी निंदा की है अंजुमन सैयदजादगान कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने एक बयान जारी कर कहा है कि इस तरह पूरानी दरगाहों, मदरसों को तोडना जारी रहा तो बर्दाश्त करना मुश्किल हो जाएगा। उनहोने भाजपा से और केन्द्र सरकार से जुडें अल्पसंख्यक लोगों से अपील की है कि वह केन्द्र सरकार से इस तरह की कार्यवाही के संबंध में बात करें। सैयद सरवर चिश्ती ने कहा कि दिल्ली में स्थित महरौली में 700 साल पुरानी अखुजी मस्जिद को जमींदोज़ कर दिया गया है. साथ ही मदरसे पर भी बुलडोज़र कार्रवाई की गई है. दिल्ली विकास प्राधिकरण और फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने मिलकर ये कार्रवाई की है। 30 जनवरी की सुबह महरौली इलाके में हुई कार्रवाई में कुतुबुद्दीन अल्तमश के दौर की मस्जिद जिसको जिन्नातों वाली मस्जिद भी कहा जाता है. तोड दी गई वहीं इस कार्रवाई की जद में यहां पर लंबे वक्त से चल रहा मदरसा भी आ गया है।
दिल्ली विकास प्राधिकरण की इस कार्रवाई के विरोध में अजमेर में ख्वाजा मोइनुददीन चिश्ती की दरगाह के खादिमों की संस्था अंजुमन सैयदजादगान ने कडी निंदा की है और इसे अल्पसंख्यकों के खिलाफ मुहिम चलाना बताया है।