उत्तर प्रदेश

100 आंगनवाड़ी में नई पद्धति पर मिलेगी शिक्षा

उत्तर प्रदेश मंडल ऑफ अमेरिका(उपमा) के सहयोग 100 आंगनवाड़ी केंद्रों पर शुरू हुआ पायलट प्रोजेक्ट
आंगनवाड़ी के बच्चों को किताबें, खिलौने, स्कूल बैग, स्वेटर, टोपी, जुराब, स्कूल बैग आदि मिलेंगे
आगरा। आगंनवाड़ी में पढऩे वाले बच्चों को भी अब प्ले ग्रुप की तरह सिखाया पढ़ाया जाएगा। उनका कविताओं, गीतों व कहांनियों के साथ-साथ योग के जरिए ज्ञानवर्धन किया जाएगा। इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 100 आंगनवाड़ी केंद्रों को चुना गया है। इसके लिए 100 आंगनवाड़ी शिक्षिकाओं के लिए वर्कशॉप आयोजित की गई।
                            जिला कार्यक्रम के अधिकारी आदीश मिश्रा ने बताया कि बाल विकास एवं महिला कल्याण विभाग द्वारा बाल विकास सेवा के अंतर्गत उत्तर प्रदेश मंडल ऑफ अमेरिका (उपमा) के सहयोग से आगरा के 100 आंगनवाड़ी केंद्रों को एक अनूठे पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है। इसमें हर आंगनवाड़ी के बच्चों को किताबें, खिलौने, स्कूल बैग, स्वेटर, टोपी, जुराब, स्कूल बैग में तीन प्रकार की कापियां, स्लेट, चॉक, पेंसिल, शार्पनर, इरेजर, पजल्स इत्यादि दिए जाएंगे। चुने गए 100 आंगनवाड़ी केंद्रों के कार्यकर्ताओं को निर्धारित समय पर ट्रेनिंग दी जाएगी। पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद यह मॉडल 3000 आंगनवाड़ी केंद्रों पर विस्तार किया जाएगा।
                          डीपीओ ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के प्रथम चरण के लिए 21 जनवरी 2024 को विकास भवन में एकत्रित होकर व विमर्श करके शिक्षण के सर्वश्रेष्ठ प्रणालियों का चयन किया गया। कविताओं, गीतों, कहांनियों द्वारा सीखने के विभिन्न पद्धतियों का विश्लेषण किया गया। किस प्रकार न्यूनतम संसाधनों से अधिकतम सीखा और सिखाया जा सकता है – इस बात पर चर्चा की गई। अमेरिका से उपमा की बोर्ड की सदस्य अर्चना पांडा और भारत से बाल विकास सेवा के अभिनव मौर्या, हरीश मौर्या सहित कई कर्मठ अधिकारियों ने इस कार्यक्रम में योगदान दिया। कार्यकर्ताओं ने इस एक दिवसीय वर्कशॉप में अपनी समग्रता, साहस और सूझ-बूझ का परिचय दिया और नई विधियों को सीखने की तत्परता दिखाई। डीपीओ ने बताया कि वर्कशॉप में पारंपरिक प्रारूप के साथ शिक्षा में योगासन, ध्यान एवं अन्य अपरंपरागत तरीकों पर भी बल दिया गया।
                       वर्कशॉप के अंत में डीपीओ ने बाल विकास एवं महिला कल्याण विभाग की मंत्री बेबी रानी मौर्या को इस अनूठे अभियान की पहल करने के लिए कृतज्ञता जताई। उन्होंने उपमा संस्था के प्रेसिडेंट रितेश टंडन, चेयरपर्सन नीलू गुप्ता, अर्चना पांडा, अभिनव मौर्या, हरीश मौर्या व अन्य सहकर्मियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने उपमा बोर्ड के अंकुश जैन, सुधीर टंडन, विमल जैन के प्रयासों की सराहना की।