राजस्थान

 अंतरिम बजट में राजस्थान की जनता के साथ वादा खिलाफी – डॉ सुनील धायल* 

संवाद – मोहम्मद नज़ीर क़ादरी
अजमेर – आम आदमी पार्टी, राजस्थान के प्रदेश उपाध्यक्ष व्यापार प्रकोष्ठ डॉ सुनील धायल ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आजादी के इतने सालो बाद भी बजट को यह कह कर प्रसारित किया जा रहा है कि यह बजट एक महिला पेश कर रही है आजादी के 75 साल बाद भी समानता का अधिकार कहां है। बजट में केवल पिछली सरकार की बुराई की गई है। बहु प्रसारित पेट्रोल डीजल पर वेट कम करने की बातों का कोई कहीं जिक्र नहीं है। प्रदेश के किसान, युवा, महिलाएं समेत समाज का हर वर्ग खुद को ठगा  हुआ महसूस कर रहा है। स्वास्थ्य सेवाओं पर चिरंजीवी योजना को लेकर कोई खास खुलासा नहीं हुआ उसको वैसे के वैसे उलझा के रखा हुआ है। युवाओं को रोजगार देने की बात करते हैं वही 5000 राजीव गांधी युवा मित्रो को नौकरी से निकाल दिया गया है।कविता और शेरो शायरी से कहीं ऊपर उठकर युवाओं, किसानों, महिलाओं के लिए भजनलाल सरकार को सोचना चाहिए था और उसी के हिसाब से कथनी और करनी में अंतर ना करते हुए बजट पेश करना चाहिए था। मेट्रो के लिए दोनो सरकारें केवल डीपीआर बनवाने की घोषणा ही करती आई है धरातल पर कोई खास कार्य नजर नहीं आता। शिक्षा के लिए लगभग  14000 सरकारी स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए केवल ढाई सौ करोड़ रुपए ऊंट में के मुंह में जीरे के समान है। हमें स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आयुष्मान योजना के भरोसे छोड़ दिया गया।
                            डॉ सुनील धायल ने आगे बताया कि पंजाब और दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार अपने बजट का सबसे ज्यादा हिस्सा शिक्षा, स्वास्थ्य के लिए देती है इस आधार पर राजस्थान को भी इन दोनों सुविधाओं को सुधारने के लिए कुछ ध्यान देना चाहिए था