नई दिल्ली।विपक्षी इंडिया गुट को एक और झटका देते हुए, जयंत चौधरी की आरएलडी ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में भाजपा के साथ गठबंधन पर लगभग बात बन गई है। सीट बंटवारे के समझौते के अनुसार, आरएलडी दो लोकसभा सीटों, बागपत और बिजनौर पर चुनाव लड़ेगी, और एक राज्यसभा सीट का भी वादा किया गया है। गठबंधन की औपचारिक घोषणा अगले दो-तीन दिनों में कर दी जायेगी। उत्तर प्रदेश में इंडिया ब्लॉक के घटकों के बीच सीट-बंटवारे को लेकर मतभेद के बीच यह घटनाक्रम सामने आया है। रालोद ने अपने नेताओं के बयान देने पर पाबंदी लगा दी है।
खबर है कि इसकी औपचारिक घोषणा 15 या 16 फरवरी को भी हो सकती है। इसका बड़ा कारण राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा है। दरअसल, यह यात्रा आगामी 16 फरवरी को चंदौली के रास्ते उत्तर प्रदेश में दाखिल होगी। यह यात्रा उत्तर प्रदेश में करीब 11 दिन रहेगी और लगभग 20 जिलों से होकर गुजरेगी। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव रायबरेली में इस यात्रा में शामिल होंगे।
जयंत चौधरी की आरएलडी का पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रभाव है और भाजपा को इस क्षेत्र में फायदा होने की उम्मीद है जो प्रभावशाली जाट समुदाय का घर है। यूपी में जयंत चौधरी के नेतृत्व वाली आरएलडी के बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल होने की अटकलों पर समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि मैं जयंत और उनके पिता को अच्छी तरह से जानता हूं क्योंकि मैंने उनके साथ काम किया है…मुझे उम्मीद है कि जयंत किसानों के विरोध को कमजोर नहीं होने देंगे।
दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को उत्तर प्रदेश में जो 16 सीटें हारी थीं, उनमें से सात पश्चिम यूपी की थीं। वह मुरादाबाद मंडल की सभी छह सीटें हार गई। उत्तर प्रदेश में इंडिया ब्लॉक के घटकों के बीच सीट बंटवारे को लेकर मतभेद के बीच यह घटनाक्रम सामने आया है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच भी सीट बंटवारे को लेकर बातचीत नहीं हो पाई है। हालाँकि, अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 16 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, जिससे कांग्रेस सतर्क हो गई है। जनवरी में, अखिलेश यादव ने कहा था कि आरएलडी को सात सीटें आवंटित की जाएंगी, लेकिन कौन सी सीटें आवंटित की जाएंगी, इसके बारे में कोई स्पष्टता नहीं थी।
साभार। प्रभासाक्षी