राजस्थान

पहले हम सब हिंदुस्तानी, बाद में हैं हिन्दू और मुसलमान – हजरत सैयद नसीरुद्‌दीन चिश्ती

अजमेर। आल इंडिया सूफी सज्जादानशीन कौंसिल के चैयरमेन एवं अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख के उत्तराधिकारी संसद नसीरुद्‌दीन चिश्ती ने अजमेर में महान सूफ़ी संत मोइनुद्‌दीन हसन चिश्ती के बड़े बेटे ख्वाजा फ़ख़रुद्दीन चिश्ती के सालाना उर्स के समापन पर और अजमेर दरगाह में मनाए आने वाली बसंत पंचमी के पर्व के मौके पर भिन्न भिन्न हिस्सों में आए अनुवादियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश में नफरत फैलाने की वह समझना होगा कि पहले हम सब हिंदुस्तानी, बाद में हिन्दू और मुसलमान है।

उन्होंने कहा कि भारत की सभ्यता की यही खूबसूरती है कि हम हर धर्म का त्यौहार मिलजुल कर मनाते है जिस की मिसाल बसन्त पंचमी है जो अजमेर सहित देश की हर बड़ी दरगाह में मनाई जाती है मगर कुछ लोग भारत विरोधी विदेशी ताकतों को खुश करने के लिए दुष्यचार कर रहे है कि भारत में मुसलमान खुश नहीं और भारत में मुसलमानों ज़ुल्म हो रहा है जबकि वास्तविकता बिलकुल अलग है। क्योंकी सत्यता यह है कि भारत मुसलमान पूरी आज़ादी साथ देश में रह रहा है और देश के हर मुसलमान को अपने धर्म अनुसार पूर्ण रूप में जीने की आज़ादी है। जो लोग भारत के ख़िलाफ़ दुष्प्रचार कर रहे है उन्हें अपनी इन नापाक हरकत से बाज आना चाहिए और एक बार दुनिया के और अरब देशी का पूर्ण रूप से वेश्लेषण करना चाहिए की वहाँ के मुस्लिम किन हालात में है और क्या उन्हें भारत मुसलमानी की तरह पूरी धार्मिक स्वतंत्रता है या नहीं।

आज देश में जहां देखी नफरत फैलाने कि होड़ मची हुई है। यहाँ तक कि जिम्मेदार भी अपने भाषण से एक दूसरे की धार्मिक भावनाए और जज़्बात को भड़काने में लगे हुए है कोई कहता है कि में मुस्लिम हूँ तो कोई कहता है कि में हिंदू हूँ , कोई यह नहीं कहता कि में हिंदुस्तानी है और वही मेरी पहचान है। कुछ स्वार्थी अतिवादी सोच रखने वाले, आम लोगों के दिलों में ख़ास तौर से युवाओं के दिलो दिमाग़ में धर्म के नाम पर ज़हर घोल कर देश में नफरत को बढ़ावा दे रहे है। ये बिलकुल गलत है और सूफ़ी संतो की तालीमत के खिलाफ है। देश में अमन और सद‌भावना कायम रहे इस की ज़िम्मेदारी सभी की है इसलिए जलसों और कार्यक्रमों में बोलते समय अपनी भाषा में सय्यम रखें।