जीवन शैली

भारत देश की शौर्य गाथा विश्व भर में प्रसिद्ध :आचार्य शांतनु जी महाराज

 

युवाओं में देशभक्ति की भावना का भरा उत्साह हजारों की संख्या में लोगों ने सुनी शूरवीरों की शौर्य गाथा\

आगरा। रामायणम फाउंडेशन की ओर से आयोजित शौर्य गाथा विषय पर अपना उद्गार व्यक्त करते हुए अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक आचार्य शांतनु जी महाराज ने कहा कि सफल व सार्थक जीवन बहुत ही कम लोगों का होता है।पद प्रतिष्ठा रूपए सब है जीवन सफल है पर सार्थक नहीं। जीवन को सार्थक करने के लिए यह चौपाई विद्यावान गुनी अति चातुर,राम काज करबि कोऊ आतुर, जीवन में जब राम काज होगा तभी जीवन सार्थक होगा।

प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में हनुमान जी का शौर्य है पर उसे जागृत करने के लिए जामवंत का होना आवश्यक है। भारत के गौरवशाली इतिहास को वामपंथी व चारणपंथी इतिहास कारों ने लिखा इसलिए भारत के शूरवीरों के प्राक्रम को गौण कर दिया गया, और आक्रामकताओं व विध्वंसकारियों के इतिहास को बढ़ा चढ़ा कर लिखा गया। धर्म की रक्षा कर रहे गुरु गोविंद सिंह के चारों बच्चों को मुगलों ने दीवार में चुनवा दिया। क्या बीता होगा उस समय की स्थिति को लेकर गुरु गोविंद सिंह पर सोचें तब अपने आप जीवन की सार्थकता को जानेंगे। बंदा बैरागी के जीवन से सीखें कि हमारे देश में शूरवीरों के साथ क्या हुआ है तब आपकी चेतना जगेगी।

बंदा बैरागी ने देश व धर्म की रक्षा के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर दिया। महाराणा प्रताप के जीवन से सीखें देशभक्ति, अब राष्ट्रभक्ति केवल राष्ट्रीय पर्व पर ही देखने को मिलती है, पर्व मनाए और शांत हो गये थोड़ा सोचें देश के सैनिकों के बारे में जो अपने देश की सीमाओं की रक्षा किन परिस्थितियों में कर रहे हैं। सभी अपने घरों में देश के बलिदानियों का एक चित्र जरूर लगाएं और उसके बारे में अपने परिवार के सदस्यों को अवश्य बताएं। उन्होंने भावात्मक गीत निज गौरव को निज वैभव को हिन्दू बहादुर भूल गए,उपदेश दिया जो गीता का उसे सुनना सुनाना भूल गए। उन्होंने कहा कि अर्जुन के शौर्य को भगवान श्रीकृष्ण ने उपदेश देकर जगाया,हनुमान जी के शौर्य को जामवंत जी ने जगाया।

आज मैं आपके अंदर छुपे शौर्य को जगाने आया हूं अपने शौर्य को पहचानें,क्षमता के अनुसार जटायु ने रावण से युद्ध किया और उसे मृत्यु के समय भगवान की गोद मिली वहीं श्री कृष्ण भगवान के होते हुए भी भीष्म पितामह जो अधर्म का साथ दे रहे थे उन्हें बाणों की शरसैय्या मिली।अधर्म की रोटी खाओगे तो बुद्धि भी अधर्मी होगी, मृत्यु के भय से मुक्त हो इस शौर्य गाथा विषय पर मै जगाने आया हूं। कार्यक्रम के आयोजक यादवेंद्र प्रताप सिंह ने मां भारती की आरती करते हुए सभी का आभार व्यक्त किया।

इस मौके पर कार्यक्रम संयोजक यादवेंद्र प्रताप सिंह,विभाग प्रचारक आनंद,युवराज अंबरीश पाल सिंह,राजा महेन्द्र अरिदमन सिंह,नागेन्द्र सिकरवार,गजेन्द्र फौजदार,विश्वेंद्र,चौधरी उदयभान सिंह,राघवेन्द्र,डॉ मदन मोहन शर्मा,कुलदीप ठाकुर,जगवीर सिंह तोमर मौजूद रहे।