संवाद/। मुहम्मद नज़ीर क़ादरी
अज़मेर । राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय कैंप के समापन के अवसर पर हुआ आयोजन संपूर्ण विश्व में विकास के आधारभूत तत्वों की सम्भावना में भारत सर्वाधिक सौभाग्यशाली है जहां 48% महिलाएं और 27% युवा निवास करते हैं विकसित भारत में महिलाओं और युवाओं की भूमिका का सर्वोच्च उदाहरण अजमेर में देखने को मिलता है जहां सर्वाधिक उच्च पदों पर महिलाएं अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं आज समाज में आवश्यकता इस बात की है कि महिलाएं केवल महिला दिवस पर ही सम्मान की अधिकारी न हो कर टेक्नोलॉजी पर आधारित इस युग के प्रत्येक क्षेत्र के विकास में महिलाओं की भूमिका को देखते हुए प्रतिदिन उनके प्रति सम्मान और आभार का भाव होने की आवश्यकता है।
विकास के लिए जिस अनुभव और सोच के आवश्यकता होती है वह महिला और युवाओं में आज प्रचुरता में उपलब्ध है लेकिन हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि किसी भी युग में शिक्षा से शक्तिशाली कोई यंत्र नहीं होता आज युवा को अपने स्वयं के आंकलन की आवश्यकता है जिसमें वह दूसरों से प्रतिस्पर्धा के स्थान पर स्वयं से स्पर्धा करके ही अपनी सफलता प्राप्त कर सकता है। जीवन में असफलताएं होती रहती हैं किंतु हमें अपने सपनों पर यकीन होना चाहिए ।
असफलताएं हमारी प्रतिभा निखारने का पैमाना हैं और आज विकसित भारत के संकल्प को लेने का सही समय है जिसका उपयोग करके हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। उक्त विचार अजमेर की सहायक कलेक्टर सुश्री श्रद्धा गोमे ने महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर की राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा आयोजित सात दिवसीय शिविर के समापन के अवसर पर विकसित भारत के निर्माण में महिलाओं एवं युवाओं की भूमिका विषयक संगोष्ठी में व्यक्त किये।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर के कुलपति प्रो अनिल कुमार शुक्ला ने कहा कि विकास व्यक्तिगत अवधारणा न होकर समष्टिगत अवधारणा है मातृशक्ति में संपूर्ण विश्व के पोषण की क्षमता है और सभी चुनौतियों को संपोषित करने वाली नारी शक्ति में भारत के विकास की भी असीम संभावनाएं हैं आज तकनीक के सहयोग से अनुभव क्षमता बढ़ाई जा सकती है जिससे प्रोजेक्ट को प्रोडक्ट में बदला जा सकता है । युवा बड़े सपने देखें और उनकी सफलता तब ही सार्थक होगी जब वे समष्टि के कल्याण के लिए स्वयं को प्रस्तुत कर सकेंगे।
महिलाओं को आज दूसरों पर निर्भर रहने की अपेक्षा अपनी सुरक्षा अस्मिता एवं परिस्थितियों के प्रति जागरूक होने की आवशयकता है तथा यथार्थ को स्वीकार करते हुए देश की सामाजिक, आर्थिक व तकनीकी विकास की यात्रा करने की आवश्यकता है उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे विश्वविद्यालय को कैपेसिटी बिल्डिंग हब बनाएं।देश के विकास को उच्चतम स्तर पर ले जाना ही युवा ताकत का सदुपयोग है आज देश को 140 करोड़ वाइब्रेट माइंड चाहिए जिनमें देश के महापुरुषों के सपनों को पूरा करने की क्षमता हो।जीवन के का लक्ष्य स्वयं को पार करना नहीं बल्कि दूसरों के जीवन का उत्थान करना होना चाहिए।
इससे पूर्व डीन छात्र कल्याण प्रो सुभाष चंद्र ने आगंतुकों का स्वागत एवं परिचय दिया एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक एवं कार्यक्रम अधिकारी डॉ आशीष पारीक ने सात दिवसीय राष्ट्रीय सेवा योजना के कैंप का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया इस अवसर पर विद्यार्थी पराग जैन एवं भारती शर्मा द्वारा अपने अनुभवों को साझा किया गया कार्यक्रम में डॉ दीपिका उपाध्याय, डॉ लारा शर्मा, डॉ असीम जयंती देवी ने भी राष्ट्रीय सेवा योजना इकाइयों का प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर विश्विद्यालय की कुलसचिव सीमा शर्मा, वित्त नियंत्रक पद्मिनी सिंह, प्रो ऋतु माथुर, प्रो भारती जैन, प्रो नीरज भार्गव ,डॉ मदन मीना सहित बड़ी संख्या में विश्विद्यालय के अतिथि शिक्षक, छात्र, अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का आयोजन महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के स्वराज सभागार में किया गया तथा आभार ज्ञापन डॉ लारा शर्मा ने किया कार्यक्रम का संचालन अतिथि शिक्षक डॉ विवेक शर्मा द्वारा किया गया।