भागलपुर : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के पूर्व संध्या पर सफाली युवा क्लब सराय में महिला दिवस का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि प्रो. डॉ. फारूक अली, पूर्व कुलपति जेपीयू छपरा ने कहा कि जब वोट देने का अधिकार 18 साल में महिला एवं पुरुष दोनों को है तो फिर क्यों शादी की उम्र महिलाओं को 18 और पुरुष को 21 दिया गया है कानून में बदलाव लाने की जरूरत है।महिलाओं को अपने अधिकार को समझना होगा। माता पिता को घर में बेटा बेटी में बराबरी का सुलूक करना होगा। उन्होंने तालीम पर जोर देते हुए कहा कि तालीम से तब्दीली आती है इसलिए सभी महिलाएं अगर पढ़ी-लिखी होगी तो महिला अपने अधिकार को जान पाएगी।
डॉ. शहीद राजा जमाल, अध्यक्ष,पीजी उर्दू विभाग, मुंगेर यूनिवर्सिटी ,मुंगेर ने कहा कि भारत में औरतों का सम्मान सदियों से होता चला आ रहा है इसकी मिसाल हमारे दस्तावेजों में मिलती हैं वहीं दूसरे देशों में 20वीं सदी की यह सब उपज है। उन्होंने रजिया सुल्तान का उदाहरण देकर बात को समझाने का प्रयास किया तथा आगे उन्होंने कहा कि तालीम को बढ़ावा देकर नारी को अधिकार संपन्न किया जा सकता है। नारी शिक्षित होगी तो परिवार समाज और राष्ट्र प्रगति के रास्ते पर अग्रसर होगा। वही पूनम श्रीवास्तव ने कहा कि अगर कोई डार्लिंग कहता है तो उसे यौन शोषण समझा जाता है। आज महिला शोषण का शिकार हो रही हैं। घर के कार्यों में महिलाओं को आर्थिक मूल्य नहीं मिलते हैं। शारदा श्रीवास्तव ने धारा 354 और धारा 376 को विस्तारपूर्वक बताया। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में महिलाओं को दूसरा स्थान मिला हुआ है इसे बदलने की जरूरत है। जब एक महिला लड़कियों को जन्म देती है तो उसके जिम्मेदार मां नहीं पिता होते हैं यह बात आज सभी को समझने की जरूरत है। वहीं शोभा ने कहा कि किसी भी जगह यदि बच्चों या किसी के प्रति गलत व्यवहार होता है तो उसके प्रति खामोश न रह कर आवाज उठाये। इस अवसर पर लाजो देवी, श्वेत मंडल, अंगूरी, मीना देवी, अलीशा, साधना, भावना, राधिका, बिल्किस, डॉ.आसमा परवीन समेत दर्जनों महिला शामिल थी। इसके अतिरिक्त तस्वीर कौसर, सज्जाद आदि भी उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन गुलअफशा परवीन ने किया।