जीवन शैली

मुल्क के अमन चैन की दुआ के साथ हजरत मुहम्मद रज़ा शाह रहमतुल्लाह अलैह व सय्यद मुख्तार हुसैन शाह रहमतुल्लाह अलैह का सालाना उर्स शरीफ संपन्न

बुजुर्गो के कुल शरीफ मे दिल को सुकून और रूह को रूहानियत का अहसास होता हैं । सज्जादानशीन नूरुल शाह चिश्ती

संडीला / आगरा । हजरत सय्यद मुहम्मद रज़ा शाह संदीलवी रहमतुल्लाह अलैह और सय्यद मुख्तार हुसैन शाह रहमतुल्लाह अलैह का जश्न ए उर्स यहां संडीला शरीफ में मोहल्ला दरगाह मखदूम पाक में खानकाह रजाईया में गुस्ल मजार शरीफ , संदल इत्र , चादरपोशी, गुलपोशी , कव्वाली और खुसूसी फातिहा ख्वानी , कुल व रंग , महफिल ए मीलाद शरीफ के साथ संपन्न हुआ । जश्न ए उर्स में कुल शरीफ मे दुआ करते हुए दरगाह आले पंजतनी पीर अलहाज तसद्दुक हुसैन अलमारूफ रमज़ान अली शाह चिश्ती साबरी रहमतुल्लाह अलैह के आगरा से आए हुए तमाम मुरीदेनो ने मजार ए मुकद्दस पर सभी धर्मो के लोगों ने अकीदत और मुहब्बत के साथ कुल शरीफ के मुबारक मौके पर शिरकत की । कुल शरीफ में मुल्क के अमन चैन , हाजरीन मुरीदीन की फलाहियत की दुआ दरगाह पीर अलहाज रमज़ान अली शाह के सज्जादानशीन  विजय कुमार जैन अलमारूफ जैनुल आबेदीन ने की ।

सज्जादानशीन विजय कुमार जैन ने दुआ के मौके पर कहा कि बुजुर्गो के कुल शरीफ में दिल को सुकून और रूह को रूहानियत का अहसास होता है । इस मौके पर रूहानी फरिश्ते हाजिर होकर हाजरीन की दुआओं को बारगाह ए रब तक पहुंचाकर मांगने वाले के दामन को फैज़ से सराबोर करते हैं । बुजुर्गों की बारगाह से हमेशा खुलूस और मुहब्बत का पैगाम दुनिया वालों को दिया जाता है ।

इस मौके पर खानकाह रज़ा के सज्जादानशीन नूरुल शाह चिश्ती साबरी ने कहा कि बुजुर्गों के जश्न ए उर्स व कुल शरीफ में शिरकत करने से दिल को सुकुनियत हासिल होती हैं , और अकीदतमंद अपनी मुरादों से अपने दामन को भरते हैं और फैज़ से सराबोर हो जाते हैं । बुजुर्गों की बारगाह से एकता और मुहब्बत का सबक मिलता है जिससे इंसान में इंसानियत का जज्बा पैदा होता है । कुल शरीफ की फातिहा ख्वानी में मुल्क के अमन चैन की दुआ के साथआलमे इंसान को सुकून अता करने की खास दुआ की । इस मौके पर कव्वाली का प्रोग्राम किया जिसमे कव्वालों ने बुजुर्गों की बारगाह में कलाम पेश किए । जश्न ए उर्स व कुल शरीफ में फातिहा ख्वानी व दुआ के बाद लंगर तकसीम किया गया ।
जश्न ए उर्स व कुल शरीफ में  नूरुल हसन चिश्ती साबरी, एहसान रज़ा, राजा भाई , राजू भाई, जावेद भाई, फैसल भाई सज्जादानशीन विजय कुमार जैन, खलीफा रमज़ान खान साबरी, इरफान साबरी, खलीफा जमील अहमद साबरी, खलीफा कल्लू साबरी , मनोज साबरी, भूपेन्द्र साबरी, राकेश साबरी , सत्तार साबरी, सतीश कुमार, उमेश चंदेल साबरी, रूपसिंह साबरी, रियाजुद्दीन साबरी, गफ्फार साबरी, गायत्री साबरी, शिवानी साबरी, माही देवी , खुशबू साबरी, साहिबा साबरी, साजदा साबरी, शकीला , नजमा बेगम, साबिया साबरी,रेनू बंसल, आदि ने शिरकत की ।