संवाद/ विनोद मिश्रा
चित्रकूट। प्रांतीय कृत राष्ट्रीय रामायण मेले में जिस कार्यक्रम का लोगों को बेसब्री से इंतजार होता है वह है प्रतिदिन शाम को होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम। मेला का विशाल मंच शाम होते ही रंग-बिरंगी रोशनी से सराबोर होते ही दर्शक अपनी-अपनी कुर्सियों पर आसन जमा लेते हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में स्वारात्मिका इंस्टीट्यूट आफ डांस एण्ड म्युजिक के कलाकारों ने एक से बढ़कर एक मनोहारी प्रस्तुतियां दी। मंजू देवी, पिंकी सरोज और अर्चना ने गणेश वंदना, शिव स्तुति और देवी गीत पर नृत्य कर दर्शकों का मन मोह लिया।
इन कलाकारों ने मिर्जापुर की मशहूर कजरी विधा पर भी मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया। लखनऊ से आए कलाकारों के दल ने मंच से भगवान राम के जन्म की लीलाओं को लेकर नृत्य किया तो पूरा पांडाल दर्शकों की तालियों से गूंज उठा। प्रयागराज से आई पूजा अग्रवाल ने कथक नृत्य के माध्यम से अपनी कला के बेजोड नमूनें की प्रस्तुति की।
शनिवार को सुबह मेले के कार्यकारी अध्यक्ष प्रशांत करवरिया व राजाबाबू पांडेय ने आरती कर रामलीला का शुभारंभ कराया। प्रभु श्रीराम का माल्र्यापण किया गया। श्री बृज कृष्णलीला रामलीला संस्था के द्वारा रामायण मेला के मंच पर प्रभु श्रीराम के जन्म की लीला का सजीव मंचन किया गया। सायं बेला में महोबा के लखनलाल यादव एण्ड ग्रुप के भजनों ने समां बांध दिया। रामाधीन आर्या एवं साथी कलाकार मऊरानीपुर ने आनंदमयी मनोहारी भजन एवं गीत गाए। सांस्कृतिक संध्या के बाद देर रात तक बृज कृष्णलीला रामलीला संस्था वृंदावन के कलाकारों की रासलीला ने दर्शकों का मन मोहा। कार्यक्रम का संचालन महामंत्री करुणा शंकर द्विवेदी ने किया।