जीवन शैली

मंदिर हो मस्जिद हो चर्च हो या गुरुद्वारा, ईश्वर अल्लाह एक है हमारा तुम्हारा

संवाद – नूरुल इस्लाम

सहावर में साबरी ब्रदर्स ने कव्वाली के जरिए बांधा समां, झूमे श्रोता

पूर्व विधायक नजीबा खान ज़ीनत ने फीता काट कर किया उदघाटन

नगर पंचायत अध्यक्ष नाशी खान ने कव्वाल और अतिथियों को शॉल ओढ़ाकर किया सम्मानित

सहावर। हजरत रमजान शाह दादा मियां के सालाना उर्स के मौके पर रात को साबरी ब्रदर्स ने कव्वाली गायन के जरिये महफिल में समां बांधा साबरी ब्रदर्स के ‘मंदिर हो मस्जिद हो चर्च हो या गुरुद्वारा, ईश्वर अल्लाह एक है हमारा तुम्हारा’ गाने पर श्रोता जमकर झूमे।
पूर्व विधायक नजीबा खान ज़ीनत ने फीता काट कर किया उदघाटन उसके उपरांत नगर पंचायत अध्यक्ष नाशी खान एवं सभासदों ने कव्वाल और अतिथियों को शॉल ओढ़ाकर किया सम्मानित।


मशहूर साबरी ब्रदर्स दिलशाद ,इरशाद साबरी सूफी ने सजी महफिल में सूफयानी अंदाज में पढ़ा –
भर दो झोली मेरी या मोहम्मद लौट कर मैं नहीं आऊंगा।

             हम तो अली वाले हैं अली अली करते हैं जो अली का होता है वह किसी से नहीं डरते हैं।

ऐसा समां बांधा कि दर्शक, श्रोता मंत्रमुग्ध होकर झूमने पर मजबूर हो गए इसी दौरान नाशी खान श्रोताओं के बीच जमीन पर बैठ कर जमकर वाहवाही बटोरी .

इस मौके पर सभासद रामकिशोर वार्ष्णेय,राकेश वार्ष्णेय,असलम कुरैशी,हनीफ अंसारी,सुमित कुमार,हाशिम सैफी,मुहम्मद फैसल,मुशीर अहमद कुरैशी,जयसिंह,बॉबी फारूकी,शिव कुमार,रुस्तम कुरैशी,मोहम्मद यासीन खान,फखरुल इस्लाम एड,शाहिद खान,हाशिम अंसारी,साजिद सिद्दीकी,मुर्तजा अहमद,जावेद खान,शहजील पीरजी,ताज अंसारी,मौज्जम बैग,आमिर,फहीम वारसी,समीर अहमद आदि मौजूद थे।