बोले कांग्रेस नेता- अपने मूल में सीएए संविधान विरोधी
लखनऊ । अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने सीएए लागू करने की घोषणा को इलेक्टोरल बॉण्ड पर घिरी मोदी सरकार का ध्यान हटाने का पैंतरा बताया है।
कांग्रेस मुख्यालय से जारी बयान में शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सरकार आज तक सीएए लागू करने के फ़ायदे जनता को नहीं समझा पायी है। सरकारी आंकड़ों के हिसाब से ही अप्रैल 2021 से 31 दिसंबर 2021 तक सिर्फ़ 1414 विदेशी शरणार्थियों ने भारत की नागरिकता मांगी है। जबकि भाजपा सरकार सिर्फ़ उत्तर प्रदेश में ही 22 लोगों की सीएए का विरोध करने के कारण हत्या कर चुकी है। पूरे देश में यह आंकड़ा सौ से ज़्यादा है। जबकि जेल भेजे जाने वालों की संख्या हज़ारों में है।
उन्होंने कहा कि अफ़्ग़ानिस्तान और इराक़ युद्ध के समय वहां से काफी शरणार्थी भारत आए थे। ऐसे ही म्यांमार की आंतरिक हिंसा से पीड़ित लोग भी भारत में शरण लेने आए थे। मुस्लिम पीड़ितों को नागरिकता के दायरे से अलग रखना देश की पूर्व की नागरिकता सिद्धांत के विपरीत है जो धर्म के आधार पर पीड़ितों के बीच भेदभाव नहीं करता था।
सीएए-एनआरसी विरोधी आंदोलन में जेल में रहे शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इसीलिए भले इसे सरकार ज़ोर जबरदस्ती से लागू कर दे लेकिन इसे हमेशा संविधान की भावना के खिलाफ़ माना जाएगा।