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रोज़ा खुशाई (अफ्तार)मे फिजूल खर्ची न कर गरीब मिस्कीनो की मदद की जाये- शोऐब कुरैशी

आगरा। थाना सदर के भगतसिह की मूर्ति पर मेहनत करके अपने बच्चे का पालन पोषण के साथ तालीम (शिक्षा) दिलाने बाली शबनम व उसका 13 वर्षीय बेटा शोएब निकट अजीज ए आम स्कूल ज्योति नगर मे कक्षा 8 का छात्र ने अपनी वलिदा(माँ)से कहाँ कि हर साल आर्थिक तंगी के कारण मे रोजा नही रख पाता हूँ जबकि रोजा 8 साल की उम्र पर फर्ज है इस साल मे रोजा रखना है लेकिन मेरी रोजा खुशाई पर फिजूल खर्चा ना करके उन रूपयो से गरीब,मिस्कीनो,विधवाओ की मदद (सहायता)करना जिससे वह भी रमजान व ईद की खुशियॉ मना सके अपनी खुशियो मै दूसरो को शामिल करना सबाब का काम है।

बेटे की बाते सुनकर र्वालदा(माँ)की ऑखो मे आँसू आ गये और बेटे के फैसले को काबिले तारीफ बताया और कहाँ कि अल्लाह तआला से दुआ करती हूँ कि तुझे इसी साल रोजा रखबाने का प्रयास करूं बच्चे की बात सुनकर सभी ने सहयोग का भरोसा दिलाया।