संवाद। मोहम्मद नज़ीर क़ादरी
अज़मेर । जेलर वाली गली लोहाखान में रहने वाले बच्चों ने पहला रोज़ा रखा मुजम्मिल बिन सलमान ने 7 साल की उम्र में और अबीहा बनो बिनते सलमान ने 5 साल की उम्र में हैं दोनों बच्चों ने ज़िद करके रखा रोज़ा
आपको बता दे कि रमजान के महीने में छोटे बच्चे रोजा नहीं रखा करते। इस्लाम के मुताबिक, 7 साल से कम उम्र के बच्चे रोजा नहीं रखते लेकिन ये खुशी में परिवार वालो को देखते हैं तो बच्चों में भी रोजा इफ्तार रखने की खुशी होती हैं
इस रमजान 2024 का पहला रोजा रखा
रमजान के इस पाक महीने की ओर अपने माता-पिता का रुझान, जोश और आस्था देखते हुए बच्चे ने रोजा रखने की इच्छा जताई और रखा। मुजम्मिल
ने कहा कि वह पूरे महीने रोजे रखना चाहता है। इतना ही नहीं, इस्लाम के नियमों को मानते हुए उसने पाक कुरआन की ‘अरबी की तिलावत’ भी पढ़ना शुरू कर दिया है
मुजम्मिल के पिता सलमान ने बताया, ‘इस्लाम में 5 साल के बच्चे को रोजे रखने की इजाजत नहीं देता, लेकिन बच्चे ने अपनी जिद और आस्था के चलते रोजा रखा। जब हमने उसे रोकना चाहा तो उसने कहा कि वह पूरा दिन ऐसे ही बैठेगा लेकिन रोजा रखेगा।’