नई दिल्ली lउत्तर प्रदेश को लेकर भाजपा ने अपने 51 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है। इनमें से ज्यादातर को इस बार के चुनाव में भी रिपीट किया गया है। उत्तर प्रदेश की कुल 80 सीटों में से भाजपा ने अपने सहयोगी दलों को पांच सीटें दी हैं। ऐसे में बाकी की बची हुई सीटों को लेकर पार्टी में चर्चा जारी है। माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में जिन सीटों को लेकर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान होना है उनमें से कई का टिकट कट सकता है। सबसे ज्यादा चर्चा बृजभूषण शरण सिंह की है। वह काफी लंबे समय से विवादों में है। ऐसे में कैसरगंज लोकसभा सीट से उनकी पत्नी या बेटी को टिकट दिया जा सकता है। बाराबंकी से हाल में ही टिकट लौटाने वाले उपेंद्र रावत की जगह नया चेहरा भाजपा उतार सकती है।
मेरठ सीट को लेकर रामायण के एक्टर अरुण गोविल के नाम की चर्चा है। इसके अलावा कैंट से विधायक अमित अग्रवाल भी टिकट की रेस में है। गाजियाबाद सीट से एक बार फिर से भाजपा वीके सिंह के नाम पर मोहर लगा सकती है। हालांकि अनिल अग्रवाल और अनिल जैन का भी नाम चर्चाओं में है। इलाहाबाद सीट से रीता बहुगुणा जोशी को इस बार टिकट मिलने की संभावना नहीं है। ऐसे में पूर्व नौकरशाह संजय मिश्रा और योगी सरकार में मंत्री नंद गोपाल नंदी की पत्नी अभिलाषा नंदी भी चर्चाओं में है। भाजपा के लिए लंबे समय से गाज़ीपुर सीट से चुनाव लड़ते आ रहे वर्तमान में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की जगह उनके बेटे अनुभव सिन्हा को टिकट दिया जा सकता है। गाज़ीपुर सीट हमेशा की तरह इस बार भी चर्चाओं में रहने वाला है।
वही सुल्तानपुर से मेनका गांधी का टिकट कट सकता है। उनकी जगह सपा विधायक मनोज पांडे का नाम चर्चाओं में है। उन्होंने हाल में ही राज्यसभा चुनाव के दौरान भाजपा का साथ दिया था। वरुण गांधी को भी इस बार टिकट मिलने की संभावना बिल्कुल भी दिखाई नहीं दे रही है। ऐसे में पीलीभीत सीट से भाजपा पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद को चुनावी मैदान में उतार सकती हैं। कानपुर सीट को लेकर भी चर्चाओं का दौर जारी है। यहां से भाजपा मौजूदा सांसद सत्यदेव पचौरी की बेटी नीतू सिंह या फिर सतीश महाना के नाम पर चर्चा कर रही है। साथ ही साथ डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और लोक गायिका मालिनी अवस्थी के नाम पर भी चर्चा जारी है।