संवाद -विनोद मिश्रा
बांदा। रमजान के पाक महीने की शुरुआत होते ही खजूर की मांग काफी बढ़ गई है। वैसे बाजारों में कई किस्म के खजूर मौजूद हैं, लेकिन, मदीने का खजूर रोजेदारों की पहली पसंद बना हुआ है। हालांकि पिछले साल के मुकाबले इस साल दामों में तीस से चालीस फीसदी तक का इजाफा हुआ है।
मुकद्दस रमजान इबादत, रहमत और बरकत का महीना होता है। इस पाक महीने में सवाब का दर्जा 70 गुना अधिक हो जाता है। इसके चलते रोजेदार रोजा रखकर पाक परवरदिगार की इबादत में मशगूल हो जाते हैं। रोजा रखकर खजूर से इफ्तार करना सुन्नत होता है। इसके चलते रोजेदार खजूर से इफ्तार करते हैं।
शहर के बाजार में चार सौ रुपये से लेकर दो हजार प्रति किलोग्राम तक के खजूर मौजूद हैं। लेकिन मदीने के खजूर शहर की चुनिंदा दुकानों पर ही मौजूद हैं। इसमें अजवा, कलमी, मेडजॉल, अंबर, सुकरी, ईरानी, मगरूम, सफाबील, बर्नी, मुजाफाती खजूर की मांग अधिक है।