संवाद/ तौफीक फारूकी
फर्रुखाबाद। जिला जेल की चहारीदीवारी के पीछे बंदियों की जिंदगी भले ही बेरंग हो। मगर, दूसरों की जिंदगी में खुशियों के रंग भरने का मौका मिला तो उसका भागीदार बनने को उनके हाथ बेकरार हो गए। जिला जेल के बंदी रंगाें के पर्व होली पर हर्बल गुलाल से दूसरों के जीवन में खुशियां बिखेरेंगे।जेल परिसर इस बार हर्बल गुलाल के रंग से सराबोर होगा। यह गुलाल जेल के कर्मचारी और बंदी में भी प्रयोग करेंगे। लोगों को हर्बल रंगों से होली खेलने का संदेश देंगे।
जिला जेल के बंदियों नें हर्बल प्राकृतिक गुलाल चावल के आटे, चुकंदर, कच्ची हल्दी, पालक के कलर से निर्मित किया है| बंदियों द्वारा गुलाल का आधार चावल के बहुत ही महीन पावडर से बनाया गया है । इसमें पीला रंग हल्दी से , हरा रंग पालक से और लाल और केशरिया रंग चुकंदर से बनाया गया है । इसमें किसी तरह के केमिकल रंग का प्रयोग नही किया गया है । लगभग एक सप्ताह के भीतर बंदियों नें लगभग 50 किलो हर्बल गुलाल तैयार किया है| जो लोगों को हर्बल गुलाल के लोगों को हर्बल रंगों से होली खेलने का संदेश देंगे।
कारापाल अखिलेश कुमार ने बताया कि बंदी बड़े ही उत्साह से प्राकृतिक रंग गुलाल को बना रहे है विभिंग रंग का पचास किलो गुलाल बन कर तैयार हो चुका है ।जिसे जेल उत्पाद केंद्र से बिक्री भी की जाएगी। जेल प्रशासन की ओर से स्थानीय अधिकारियों कर्मचारियों को भी प्राकृतिक गुलाल भेंट किया जाएगा ।
जिला जेल के अधीक्षक भीमसेन मुकुंद ने बताया कि बंदियों द्वारा गुलाल का आधार चावल के बहुत ही महीन पावडर से बनाया गया है । इसमें किसी तरह के कैमिकल रंग का प्रयोग नही किया गया है। जिसको लगानें में किसी तरह का कोई नुकसान नही होगा। बंदियों द्वारा तैयार किये गये हर्बल गुलाल का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण का संदेश देना भी है। इस बार हर्बल गुलाल से होली खेली जाएगी। जेल में गुलाल के निर्माण में उपकारापाल अवनीश कुमार, सरोज देवी, वैभव कुशवाह का सहयोग रहा।