उत्तर प्रदेशराजनीति

भाजपा के बुंदेली भगवा दुर्ग में सेंध लगाना विपक्ष के लिए नहीं आसान

संवाद/ विनोद मिश्रा


बांदा। बुंदेलखंड भगवा दुर्ग बना हुआ है। क्षेत्र की बांदा – चित्रकूट हमीरपुर -महोबा समेत सभी 11 लोकसभा सीटें भाजपा के पास हैं, जिनमें चार सीटें उत्तर प्रदेश और सात सीटें मध्यप्रदेश की शामिल हैं। कभी यह क्षेत्र कांग्रेस का मजबूत गढ़ था, लेकिन पिछले कुछ लोकसभा चुनावों में स्थिति बदली औैर राम मंदिर आंदोलन तथा मोदी लहर के बाद बुंदेलखंड की सभी 11 लोकसभा सीटें भाजपा की झोली में आ गईं। 2014 के बाद से बुंदेलखंड भाजपा का किला बना हुआ है। ऐसे में 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के इस किले में सेंध लगाना विपक्ष के लिए कड़ी चुनौती होगी।


बुंदेलखंड में उत्तर प्रदेश के झांसी, जालौन, ललितपुर, चित्रकूट, हमीरपुर, बांदा, महोबा जिले शामिल हैं। इसी तरह मध्यप्रदेश के सागर, दमोह, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना और दतिया जिले शामिल हैं। इन 13 जिलों में लोकसभा की 11 सीटें झांसी-ललितपुर, बांदा-चित्रकूट, हमीरपुर-महोबा, जालौन, टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा, होशंगाबाद, बैतूल शामिल हैं। इन सभी सीटों पर 2014 से भाजपा का कब्जा है। दमोह सीट पर 1989 में भाजपा के लोकेंद्र सिंह सांसद चुने गए। 1991, 1996, 1998, 1999 के चुनावों में भाजपा के रामकृष्ण कुसमरिया सांसद बने।

2004 में भाजपा के चंद्रभान भैया, 2009 में भाजपा के शिवराज लोधी, 2014 और 2019 में भाजपा के प्रह्लाद पटेल सांसद चुने गए थे। हमीरपुर सीट पर 1998, 1999, 2004 के चुनावों में सुरेश चंदेल सांसद चुने गए। बैतूल सीट 1996 से भाजपा के पास है। 1996, 1998, 1999, 2004 के चुनावों में विजय खंडेलवाल सांसद चुने गए। 2009, 2014 में ज्योति धुर्वे, 2019 में दुर्गादास उइके सांसद चुने गए थे। हमीरपुर -महोबा सीट पर भाजपा के पुष्पेन्द्र सिंह लगातार दो बार से जीत रहें हैं तो बांदा चित्रकूट सीट पर 2014 में भाजपा के भैरो मिश्रा तो वर्तमान में भाजपा के आर के सिंह पटेल काबिज हैं और भाजपा नें उन्हें पुनः चुनाव मैदान में उतार दिया है।