संवाद/ विनोद मिश्रा
बांदा। रमजान माह का पहला अशरा खत्म हो गया। गुरुवार को सूरज डूबते ही इफ्तार के साथ रोजेदारों ने जमकर दुआएं कीं। पहला अशरा रहमत का माना गया है। 10 दिनों को अशरा कहते हैं। सामूहिक इफ्तार का सिलसिला भी शुरू हो गया।
रमजान माह तीन अशरों में बंटा हुआ है। पहले 10 दिन रहमत के हैं। बीच के 10 दिन मगफिरत और आखिरी 10 दिन जहन्नम से निजात के कहे जाते हैं। 10 रोजे पूरे होते ही पहला अशरा रूख्सत हो गया। शुक्रवार से 11वें रोजे के साथ दूसरा अशरा शुरू होगा।
पहले अशरे के खात्मे पर रोजेदारों ने इफ्तार के वक्त खूब दुआएं कीं। तमाम रोजेदारों की आंखों में आंसू छलक आए। उनको मलाल था कि इस अशरे में वह रोजे का वह हक अदा नहीं कर सके जैसा होना चाहिए था। मसजिदों में रात को तरावीह जारी है। हालांकि ज्यादातर मसजिदों में कुरान पूरा कर लिया गया। नवाबी जामा मसजिद में कुरान पूरा हो गया। भारी तादाद में लोगों ने शिरकत की। बोडे़ की मसजिद, मरकज वाली मसजिद, गूलरनाका की मसजिद, सुतली वाली गली मसजिद में भी कुरान पूरा हो गया। उधर, घरों में इफ्तार पार्टियां भी चालू हैं।