भागलपुर: उर्दू राब्ता कमिटि (उर्दू समन्वय समिति) भागलपुर की एक विशेष बैठक संस्था के अध्यक्ष डॉ. शाहिद रजा जमाल उर्फ शाहिद रज्मी की अध्यक्षता में भीखनपुर स्थित समर कॉटेज में हुई, जिसमें कार्यकारिणी समेत अन्य सदस्यों ने भाग लिया। संस्था के सदस्य डॉ. अरशद रजा, असद इकबाल रूमी, डॉ. सिद्दीक,तस्नीम कौसर, कमर अमान, सज्जाद आलम, शादाब आदि मौजूद थे।
इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. शाहिद रज़्मी ने कहा कि राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद को एक नया और सक्रिय निदेशक मिल गया है, जिनका नाम डॉ. शम्स इकबाल है। वह बिहार प्रांत से हैं और संयोग से वह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व वर्ती छात्र हैं।
वह इस प्रतिष्ठित पद पर पहुंचने वाले जेएनयू के दूसरे व्यक्ति हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि डॉ. शम्स इकबाल के संरक्षण में परिषद नए मानक स्थापित करेगी। डॉ. रज़्मी ने मीडिया और कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित डॉ शम्स से संबंधित निराधार और भ्रामक आरोपों का खंडन किया और कहा कि यह एक साजिश का हिस्सा है जो उर्दू के प्रचार-प्रसार के लिए घातक है। उन्होंने आगे कहा कि डॉ. शम्स इकबाल निश्चित रूप से उर्दू के प्रचार-प्रसार में सहायक होंगे और एनबीटी, नई दिल्ली और परिषद में पीपीओ के रूप में अपने पिछले अनुभवों का उपयोग करके उर्दू को बढ़ावा देंगे।
डॉ अरशद रज़ा ने नये निदेशक को बधाई दी और भविष्य में उनके बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रार्थना की और उनकी नियुक्ति को परिषद के लिए शुभ बताया।
असद इकबाल रूमी ने कहा कि लंबे समय के बाद काउंसिल को योग्य और अनुभव का संगम वाला डायरेक्ट प्राप्त हुआ है जो उर्दू के लिए भी अच्छी खबर है.
कमर अमान ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अगर नेशनल काउंसिल फॉर प्रमोशन ऑफ उर्दू लैंग्वेज द्वारा अपने सेंटर की स्थापना भागलपुर और आसपास के जिलों में की जाती है, तो यहां की उर्दू आबादी को अधिक लाभ होगा। कमिटि के अन्य सदस्यों डॉ सिद्दीक और शाहदाब ने भी अपने विचार व्यक्त किये और नये निदेशक को बधाई देते हुए बेहतर प्रदर्शन की कामना की।
कार्यक्रम के अंत में सज्जाद आलम ने आभार व्यक्त किया।
उर्दू समन्वय समिति द्वारा नए निदेशक का स्वागत
