संवाद- तौफीक फारूकी
फर्रुखाबाद। खुदा की राह में समर्पित कर देने का प्रतीक माह-ए-रमजान न सिर्फ रहमतों और बरकतों की बारिश का वकफा है, प्रेम, भाईचारे और इंसानियत का संदेश भी देता है।
जफरूल इस्लाम पब्लिक स्कूल जरारी कमालगंज फर्रुखाबाद (डायरेक्टर- मुबीन सिद्दीकी) ने बताया कि इस्लाम की पांच बुनियादों में अल्लाह ने रमजान का महीना मुकर्रर किया है। खुद अल्लाह ने कुरान शरीफ में इस महीने का जिक्र किया है। रमजान में की गई हर नेकी का सवाब 70 गुना हो जाता है। यही कारण है कि इस महीने में अल्लाह के सभी बंदे सब्र और अदब रखते हैं।
उन्होंने बताया कि रमजान के दौरान रोजा रखने के अल्लाह के बंदे तंदरुस्त हो जाते हैं। इस दौरान आपस में लोगों का भाईचारा भी बढ़ता है। क्योंकि इस महीने में सभी एक जैसे होते हैं। लोगों को एक दूसरे की भूख और प्यास का एहसास होता है। यही नहीं, इस महीने में लोग रहम करना सीखते हैं। माहे रमजान में अल्लाह के करीब आने का मौका मिला था, वह भी हमसे जुदा हो गया। अल्लाह हम सबने इस महीने जितनी इबादत की है, उसको कुबूल फरमा और हम सबको नेक रास्ते पर चलने की तौफीक अता फरमा। मुबीन सिद्दीकी मुल्क में भाईचारा कायम रखने की दुआ मांगी।