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मुहब्बत का प्रतीक होता है रमज़ान – उल – मुबारक का रोज़ा – हुसैन मियां

आगरा। दरगाह हज़रत सैयदना औलिया बाबा रह० अलैह पर आज रोजा इफ़्तार का आयोजन किया गया रोज़ा इफ़्तार में दरगाह के सज्जादा नशीन मिया मोहम्मद हुसैन रशीदी ने कहा कि रमज़ान का ये दूसरा अशरा है। इस मे अल्लाह ताला से अपने लिए औऱ जो इस दुनियां से चले गये उनके लिए मगफिरत दुआ करनी चाहिए  औऱ जो ज़िंदा है उन का ख्याल रखो अपनो का जो अपने नही है उनका भी ख़्याल रखो आस पास जो परेशान हाल हे उनकी मदद के लिये आगे बढौ जिस तरहा से भी मदद हो सके मदद करो।

हम सब मिलकर इस रहमत और व बरकत वाले महीने के सदके में अल्लाह ताला की बारगाह में झूक कर सच्चे दिल से तौबा करके अपने वतन हिन्दुस्तान के लिये दुआ करे हमेशा हमेशा के लिए इसमें अमनो आमान कायम कर दे । आज कुछ फिरका परस्त लोग जिनको हिन्दुतान के भविष्य से इन्हें कुछ लेना देना नही है
जिनका धर्म सिर्फ औऱ सिर्फ नफ़रत फैलना है अल्लाह से दुआ है के ऐसे लोगो सही रास्ते पर ला जो भटके हुए है । इस्लाम धर्म की यही तालीम हे जब भी कोई परेशानी आई है हमने आगे बढ़कर कर हर मज़हब के लौगौ की मदद की है।

अल्लाह ताला ने तुम्हे ज्यादा दिया हे तो अपनी ज़रूरतौं को कुछ कम कर लो और ज्यादा से ज्यादा लौगौ की मदद करो अगर आज तुम ने ज़मीन वालौं पर रहम करोगे तो अल्लाह ताला कल तुम पर रहम करेगा रोज़ा इफ्तार में मोहम्मद उबेर हुसैन , मोहम्मद हस्सान मोहम्मद इस्माईल सूफी इक़बाल , स , भुल्ले शाह , मोहम्मद इदरीस,मोहम्मद उस्मान हाजी नवाब साहब , शकील , राहत क़ादरी ,मोहम्मद इकराम ,नईम ,सुहेल सुनील वरुण महेश ,असफाक शाहिद , सखानबुद्दीन इरशाद समीर , इब्राहिम, सलीम सूफी , नसीर ,अंसार सूफी लाला, आदी शरीक़ हुए ।