व्यापार

आगरा में पहली बार 150 से अधिक नेशनल− इंटरनेशनल ब्रांड के साथ आईएफडीसी के फुटवियर एक्सपो 2024 का शुभारंभ

30 को होगा प्रदर्शनी के साथ तकनीकी सत्र भी, बिल गेट्स फाउंडेशन की सहयोगी संस्था देगी कर्मचारियों को आवश्यक जानकारी
सींगना स्थित आगरा ट्रेड सेंटर में लगी जूता उद्योग की सबसे बड़ी प्रदर्शनी, सजे नेशनल− इंटरनेशनल ब्रांड
पहली बार शहर में कर रही है आईएफडीसी, पेन इंडिया से जुटे 150 से अधिक जूता निर्माता, कंपोनेंट और मशीनरी
150 से अधिक कंपनियाें ने लगाईं स्टॉल्स, बड़े ब्रांड के साथ घरेलू उत्पाद को मिली जगह
बायर टू बायर थीम पर आयोजन, इटली, स्पेन और चीन की कंपनियों की भी लगी स्टॉल

आगरा। वैश्विक मंच पर जूता उद्योग से जुड़े घरेलू उत्पाद को भी पहचान दिलाने के उद्देश्य के साथ बायर टू बायर थीम पर फुटवियर एक्सपो 2024 का शुभारंभ आगरा के सींगना में स्थित आगरा ट्रेड सेंटर पर हुआ।
शुक्रवार को इंडियन फुटवियर डेवलपमेंट काउंसिल(आईएफडीसी) द्वारा लगाए गए फुटवियर एक्सपो 2024 का उद्घाटन मुख्य अतिथि राजेंद्र कुमार जालान (चेयरमैन, काउंसिल फार लेदर एक्सपोर्ट), पूरन डावर(अध्यक्ष एफमेक), उप्र लघु उद्योग निगम के उपाध्यक्ष राकेश गर्ग (दर्जा राज्यमंत्री), ज्वाइंट कमिश्नर इंडस्ट्री अनुज कुमार, सीएलई के एसिस्टेंट डायरेक्टर आरके शुक्ला, अमर मित्तल (राष्ट्रीय सचिव, आईआईए), अंबा प्रसाद गर्ग (उपाध्यक्ष नेशनल चैंबर), लघु उद्योग भारती के प्रदेश सचिव मनीष अग्रवाल, आईएफडीसी के सीईओ शिव नौपुत्रा, विजय गुप्ता(जिलाध्यक्ष लघु उद्योग भारती) राहुल जैन (वाइस चैयरमेन, बृज डेवलपमेंट फाउंडेशन), सुशील यादव, आरपी शर्मा (एस्सिटेंट डायरेक्टर एमएसएमई), प्रदीप पिप्पल(भीम युवा व्यापार मंडल), विनोद सितलानी (आगरा सोल एंड शू कम्पोनेंट एसोसिएशन), शू डिजायनर देवकी नंदन ने दीप प्रज्जवलित कर किया।
अतिथियों का स्वागत करते हुए आईएफडीसी के सीईओ शिव नौपुत्रा ने कार्यक्रम की रूपरेखा साझा की।
मुख्य अतिथि राजेंद्र कुमार जालान (चैयरमेन, सीएलई) ने कहा कि बीआईएस देश के लिए आवश्यक है, इसके बिना जूता उद्योग में समृद्धि नहीं आ पाएगी। उन्होंने कहा कि बीआईएस को लागू करने के पीछे सरकार की मंशा घटिया गुणवत्ता वाले विदेशी जूतों का आयात रोकने की है।
देश में 75 प्रतिशत चमड़े का और 25 प्रतिशत सिंथेटिक जूता बिकता है। लेकिन एक सर्वे में यह सामने आया है कि वर्ष 2030 तक यह स्थिति उलट हो जाएगी यानि 75 प्रतिशत सिंथेटिक जूते की मांग होगी। इसके लिए हम सरकार के साथ मिलकर नई योजनाएं बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इस बारे में नई नीति बनाने की कोशिश जारी हैं। सरकार सभी जायज मांगों को मानने को तैयार हैं। उद्यमियों से कहा गया है कि वे सही वजहों के साथ पांच जून तक अपनी मांगों और सुझावों को तैयार कर लें। 15 जून से शासन स्तर पर उन पर मंथन शुरू हो जाएगा। जालान ने कहा कि देश के उद्यमियों को अपने उत्पादों की ब्रांडिंग पर ध्यान देना होंगे। परफोर्मेंस फुटवियर बनाने और उत्पादन बढ़ाने पर जोर देना होगा।
पूरन डावर (अध्यक्ष, एफमेक) ने कहा कि आगरा की चालीस प्रतिशत जनता प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जूता उद्योग से जुड़ी हुई है। जूता उद्योग आज 27 बिलियन की इंडस्ट्री बन चुकी है। हालांकि विश्व में हमारी भागीदारी केवल तीन प्रतिशत है, जो चिंता का विषय है। यह कम पूंजी में अधिक रोजगार देने वाला उद्योग है।
डावर ने कहा कि हाथ से बने जूतों का महत्व कम नहीं होने जा रहा, लेकिन बड़े स्तर पर उत्पादन के लिए मशीनों की भी बड़ी उपयोगिता है। वर्तमान के आधुनिक तकनीकी के युग में दस्तकार भी अपनी ऑनलाइन मार्केटिंग कर सकता है, इसके लिए केवल उसका शिक्षित होना आवश्यक है।
नारों का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 1857 में आजादी के नारे लगने शुरू हुए, नब्बे साल बाद इन नारों से ही आजादी मिली। इसी तरह मेक इन इंडिया, लोकल फॉर वोकल जैसे नारों या असर अगले सालों में जरूर दिखेगा और देश औद्योगिक क्रांति की ओर अग्रसर होगा।
उप्र लघु उद्योग निगम के उपाध्यक्ष राकेश गर्ग(दर्जा राज्यमंत्री) ने कहा कि प्रदर्शनियां उद्योगों को आगे ले जाती हैं। सरकार उद्योगों को काफी बढ़ावा दे रही है लेकिन इच्छा शक्ति उद्यमियों को हो पैदा करनी होगी। उन्होंने कहा कि जूता उद्योग को चीन से कड़ी चुनौती मिल रही है। इसके चुनौती का योजनाबद्ध तरीके से सामना करना होगा।
कार्यक्रम को संयुक्त निदेशक इंडस्ट्री अनुज कुमार, प्रदीप कुमार पिप्पल, अंबा प्रसाद गर्ग, अमर मित्तल, विजय गुप्ता, देवकीनंदन, राहुल जैन ने भी संबोधित किया।
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए लघु उद्योग भारती के प्रदेश सचिव मनीष अग्रवाल ( प्रबंधक रावी इवेंट) ने कहा कि आगरा में पहली बार घरेलू उत्पाद को विश्वपटल तक ले जाने के लिए फुटवियर एक्सपो लगाया गया है। जिन देशाें के साथ भारत उद्योग करता रहा है उसके अतिरिक्त नये देशाें में संभावनाएं तलाशने का ये सही समय है।
शुभारंभ के अवसर पर संजीव अग्रवाल, अशाेक माहेश्वरी, राजीव बंसल, दिनेश गुप्ता, सुशील सिंघल, विवेक मित्तल, एटीसी के इंचार्ज चंद्रशेखर जीपीआई आदि उपस्थित रहे।

फुटवियर एक्सपो 2024 में ये है विशेष
आईएफडीसी के सीईओ शिव नौपुत्रा ने बताया कि ये आयोजन
शहर का पूर्णताः फुटवियर एक्सपो है। चीन और इटली के अतिरिक्त पेन इंडिया से 150 से अधिक कंपनियों ने प्रदर्शनी में स्टॉल लगाए हैं। चीन की छह स्टॉल और इटली की दो स्टॉल के अलावा
आगरा सहित पंजाब, चैन्नई, कानपुर, बहादुरगढ़, दिल्ली के फुटवियर निर्माताओं ने भी अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगायी है। साथ ही
25 बड़ी कंपनियां भी अपने ब्रांड का प्रदर्शन कर रही हैं। फुटवियर मैनुफेक्चर, फुआटवियर कंपोनेंट, लेदर से बनने वाले उत्पाद पर्स, हैंडबैग आदि, फुटवियर मशीनरी एवं टैक्नोलॉजी, फुटवियर कंसल्टेंट एंड डिजाइनर आदि के साथ हेल्थ फ्रेंडली स्टॉल्स भी हैं।

एक जिला एक उत्पाद की भी स्टॉल
लघु उद्योग भारती द्वरा एक जिला एक उत्पाद की मार्बल हैंडिक्राफ्ट की स्टॉल लगाई गयी है। अंशु वर्मा और नवीन माथुर ने बताया कि स्टॉल पर मेडिटेशनल बाक्स, टेबल लैंप, बाथरूम सेट आदि उपलब्ध हैं, जिन पर हाथ से पच्चीकारी की गयी है।

पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रयास
बृज डेवलपमेंट फाउंडेशन द्वारा ब्रज क्षेत्र के संस्कार और संस्कृति को प्रदर्शित करती स्टॉल भी फुटवियर एक्सपो में देखने को मिल रही है। संस्था के उपाध्यक्ष राहुल जैन और संयोजक सागर तोमर ने बताया कि आध्यात्मिक, एतिहासिक और औद्योगिक दृष्टि से ब्रज क्षेत्र को विश्व पटल पर प्रसिद्धि और उद्योगों को पहचान दिलाने के लिए प्रदर्शिनी के माध्यम से प्रयास किया जा रहा है।

वुडन फुटपैड देंगे इको फ्रेंडली आनंद
गुडगांव से आए सुरेश अग्रवाल ने बालाजी कार्क नाम से स्टॉल लगाई है। उन्होंने बताया कि जिस वुड का प्रयोग अब तक यूरोप के पुर्तगाल, स्पेन आदि देश में ही होता रहा है उसे भारत में 1967 में उद्योग के रूप वे लेकर आए। एक खास किस्म के पेड़ बार्क की छाल का प्रयोग करके फुटपैड बनाए जाते हैं, जोकि इको फ्रेंडली होने के साथ हेल्थ फ्रेंडली भी हैं। नेचुरल इंसुलेटर की तरह ये फुटपैड काम करते हैं।
वहीं फुटवियर एक्सपो में खादी फुटवियर की स्टॉल भी लगी है। जोकि पूरी तरह से लैदर फ्री है।

इन मशीनों का जवाब नहीं
फुटवियर एक्सपो में इंडस्ट्री से जुड़ी हर छोटी बड़ी चीज का प्रदर्शन किया गया है। ई कूल नाम से इंडस्ट्रियल कूलर और एचवीएलएस फैन आपको देखने को मिल जाएंगे। इन कूलरों की क्षमता 18000 सीएमएच से 50,000 सीएमएच तक है।
फैबलोक इंटरनेशनल द्वरा मशीनों की स्टॉल लगाई गई है। जिसमें बटन लगाने, सिलाई मशीन के साथ फिनिशिंग से संबधित उत्पाद, लेबल कटिंग आदि की मशीनें हैं।

ये संस्थाएं कर रहीं सहयोग
आगरा फुटवियर मैनुफेक्चर एक्सपोर्टर चैंबर(एफमेक), फेटरनिटी आफ आगरा फुटवियर मैनुफेक्चर(एफएएफएम), लघु उद्योग भारती, नेशनल चैंबर इंडस्ट्री एंड कॉमर्स यूपी, इंडियन इंडस्ट्री एसोसिएशनल(आईआईए), ब्रज डेवलपमेंट फाउंडेशन, आगरा शू मैनुफेक्चरिंग एसोसिएशन(आसमा), आगरा सोल एंड शू कंपोनेंट एसोसिएशन, भीम युवा व्यापार मंडल, सिलीन इंडिया संस्थाएं सहयोग कर रही हैं।

ये नामचीन कंपनियां कर रहीं सहभागिता
स्टक आन, जीटा, एशियन पॉली चैम, एआरएस इंडिया और क्लॉग लंदन, डावर फुटवियर इंडस्ट्री, महेश एक्सपोर्ट जैसी नामचीन कंपनियाें ने फुटवियर एक्सपो में सहभागिता की है।

स्टॉल पर ये है खास
फुटवियर एक्सपो में मशीनरी, कम्पोनेंट एंड लेदर स्टॉल और फुटवियर मैनुफैक्चरिंग की 150 से अधिक स्टाल लगी हैं। जिनमें 25 से ज्यादा ब्रांड सेंडल, चप्प्ल, लेदर शू, फ्लिप फ्लॉप, स्नीकर्स आदि सहित इंडस्ट्री उत्पाद के बड़े ब्रांड देखने को मिल रहे हैं।

कल होगा तकनीकी सत्र
तीन दिवसीय फुटवियर एक्सपो सुबह 10 बजे से सायं 6 बजे तक दर्शकों के लिए खुला रहेगा। 30 मार्च को सुबह 11:00 बजे से तकनीकी सत्र रहेगा जिसमें एमएसएमई के द्वारा ग्लोबल मार्केटिंग पर चर्चा, व्यापार में आर्थिक उन्नति पर विश्लेषण, फुटवियर ब्रांड बिल्डिंग एवं बिल गेट्स की संस्था पीएसआई द्वारा कर्मचारियों के मेडिकल वेलफेयर की जानकारी दी जाएगी।