प्रयागराज। यूपी बोर्ड ने इस बार शिक्षकों के कार्य बहिष्कार की चुनौती के बीच 12 दिन के भीतर उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन पूरा कराकर कीर्तिमान रच दिया है। तय समय से एक दिन पहले ही 3.01 करोड़ कॉपियों का मूल्यांकन कराने का बोर्ड ने रिकॉर्ड बनाया है।
अब समय से परिणाम घोषित करने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस बार 15 अप्रैल तक हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं के रिजल्ट घोषित किए जाने की उम्मीद है। इस बार उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए तय की गई 31 मार्च की सीमा से पहले ही बोर्ड ने लक्ष्य
हासिल कर लिया है। बीते वर्षों में निर्धारित अवधि के बाद भी मूल्यांकन होता रहा है।
व्यावसायिक विषयों की कॉपियों को जांचने के लिए समय से परीक्षक भी
पिछली बार 15 अप्रैल तक आ गए थे रिज़ल्ट
लेकिन इस बार बोर्ड ने परीक्षकों को नियुक्त करने में पहले से सजगता बरती। इस बार 12 दिन में ही नकल विहीन परीक्षा करा कर बोर्ड पहले ही इतिहास रच चुका है। हालांकि, आगरा के एक केंद्र पर समय से पहले प्रश्नपत्र व्हाट्सएप ग्रुप पर वायरल होने की एक शिकायत के अलावा किसी भी केंद्र से प्रश्नपत्र की रांग ओपनिंग की शिकायत नहीं मिली। इस बार मूल्यांकन 16 मार्च को शुरू हुआ था। इस बीच उत्तर पुस्तिकाएं
पहुंचाते समय वाराणसी के शिक्षक की गोली मारकर हत्या किए जाने के विरोध में शिक्षकों ने कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया। इससे दो दिन तक मूल्यांकन प्रभावित रहा।
प्रयागराज के नौ केंद्रों पर मूल्यांकन के लिए कुल 9,98,887 उत्तर पुस्तिकाएं प्राप्त हुई थीं, जिसमें से 9,98,324 उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन शुक्रवार को ही पूरा हो गया था। बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने पूरा श्रेय परीक्षकों को दिया है।
1,47,097 परीक्षकों ने जांचीं कॉपियां
इस वर्ष स्टेटिक मजिस्ट्रेट की नियुक्ति भी कारगर रही। कॉपियों को रैंडम तरीके ही वितरित किया गया। इस बार हाईस्कूल की परीक्षा में 29,47,311 और इंटरमीडिएट में 25,77, 997 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। ऐसे में कुल 55,25,308 छात्र-छात्राओं ने परीक्षा दी थी। हाईस्कूल की 1.76 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं के लिए 94,802 परीक्षक और इंटरमीडिएट की 1.25 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं के लिए 52, 295 परीक्षक मूल्यांकन के लिए तैनात किए गए थे। इस तरह कुल 3.01 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं को जांचने के लिए 1,47,097 परीक्षकों को लगाया गया था