आगरा। टोरंट पावर कंपनी में संविदा पर लाइन खोदने व तार जोड़ने का काम करने वाले श्रमिक के बेटे और बेटी दोनों ने उत्तर प्रदेश पुलिस में उपनिरीक्षक पद पर चयनित होकर पिता के सपनों को साकार किया है। अपने बच्चों की यह उपलब्धि बताते हुए अर्जुन नगर, बारहखंभा निवासी बलवीर सिंह की आंखें खुशी के आंसुओं से नम हो गईं। दोनों बच्चों के पुलिस उप निरीक्षक बनने पर डा. आंबेडकर अनुयायी एकता फाउंडेशन के अध्यक्ष आशीष प्रिंस, राजेंद्र टाइटल, रितेश सोनकर, विवेक बौद्ध, शैलेंद्र मधुकर, नीरज कुमार आदि ने उन्हें सम्मानित किया। दरोगा पुत्र और पुत्री ने जब अपनी कैप माता-पिता को पहनाई तो उनके नेत्र छलक पड़े।
बलवीर सिंह ने बताया कि वह और उनकी पत्नी अधिक पढ़े-लिखे नहीं हैं।
इसलिए परिवार चलाने के लिए दिन- रात मेहनत करनी पड़ती थी। सभी के लिए महीने में 30 दिन होते हैं, लेकिन बलवीर ने नाइट शिफ्ट लगाकर 45 दिन काम किया, तब जाकर महीने के छह से आठ हजार रुपये कमाए, ताकि बच्चों की पढ़ाई का संकट न हो। उनका संघर्ष बच्चे भी देखते थे, इसीलिए उन्होंने सीमित संसाधनों में अपना शत-प्रतिशत दिया।
मिर्जापुर पुलिस अकादमी में विगत 13 मार्च को हुई पुलिस पासिंग आउट परेड में उनके बेटे शिशांक कमलेश और बेटी सिमरन कमलेश ने उप्र पुलिस में उप निरीक्षक पद प्राप्त किया। पुत्र को वर्तमान में लखनऊ के जानकीपुरम थाने में तैनाती मिली है।
बलवीर सिंह बताते हैं कि उन्हें रोजाना 200 रुपये की दिहाड़ी मिलती है। इतने में गुजारा नहीं होता, 15 दिन रात में ओवर टाइम करके थोड़ा अतिरिक्त कमाकर परिवार का भरण-पोषण जैसे-तैसे करते थे। कभी त्योहार पर भी नए कपड़े नहीं पहने। न रात देखी, न दिन। बस बच्चों को अफसर बनाने के लिए दिन-रात मेहनत मजदूरी करते रहे।
दलित बस्ती में छोटा सा घर है, जिसमें पति-पत्नी, दो पुत्र और पुत्री रहते हैं। उप निरीक्षक बने शिशांक ने बताया कि उन्होंने 10वीं और 12वीं शाहगंज स्थित राजकीय इंटर कालेज और बीटेक आरबीएस बिचपुरी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से की। इसके बाद एक निजी कंपनी में नौकरी की। मन नहीं लगा, तो वर्ष 2021 में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी की। इसी वर्ष यूपी पुलिस में उप निरीक्षक पद पर भर्ती निकली, तो पहली ही बार में अच्छी रैंक के साथ चयन हो गया।
उनकी बहन सिमरन ने शाहगंज स्थित तुुलसीदेवी कन्या इंटर कालेज से 10वीं और 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। बीएससी आगरा कालेज से और एमएससी एसएस कालेज मलपुरा से की। बीटीसी में अच्छे अंक लाने पर पदक मिला। शिक्षक पात्रता परीक्षा पास की। वह एसएससी की सीजीएल परीक्षा की तैयारी कर रही थीं। पहली दो परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन तीसरी में थोड़ी दिक्कत रह गई। यूपी पुलिस की परीक्षा देने का मन नहीं था, लेकिन पिता के कहने पर उन्होंने प्रयास किया और पहली ही बार में चयनित हो गईं।