रामपुर।पवित्र रमज़ान माह के मुबारक मौके पर रामपुर रज़ा लाइब्रेरी के दरबार हॉल में “पवित्र कुरान तथा खत्ताती के नमूनों“ की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन लाइब्रेरी के निदेशक पुष्कर मिश्र जी ने किया। इस अवसर पर लाइब्रेरी सभी अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर लाइब्रेरी के निदेशक डॉ0 पुष्कर मिश्र जी ने कहा कि कुरान की कई प्रकार की प्रतियाँ हमारे यहाँ इस लाइब्रेरी में उपलब्ध हैं। यह हमारे लिए बहुत ही बड़े गर्व की बात है की एक ऐसी किताब जो दुनियाँ की सबसे प्रभावशाली किताबों में से एक है जिसने करोड़ों लोगों के जीवन में प्रभाव डाला और करोड़ों लोगों के जीवन जीने की शैली बनी। ऐसी किताबें पाण्डुलिपियों के रूप में हमारी इस लाइब्रेरी में काफी अधिक संख्या में है। निदेशक ने कहा कि कुरान आने के बाद से दुनिया का इतिहास बदल गया, बहुत कम पुस्तकें ऐसी होगीं जिनके कारण इतिहास में इतना बड़ा परिवर्तन आया होगा इसलिए कुरान पर और अधिक शोध कार्य होना चाहिए। निदेशक ने कहा कि इस रमज़ान के पावन अवसर पर हम अपने मन में संकल्प लें की मानवीय मूल्यों से जुड़ी जो बातें कुरान में दी हैं उनका पालन करें और मानवीय दृष्टि कोण से पूरे विश्व को देखने की क्षमता अपने अन्दर विकसित करें। तो मुझे लगता है कि रमज़ान के पावन पर्व की सार्थकता सिद्ध होगी।
रामपुर रज़ा लाइब्रेरी के सूचना अधिकारी डॉ० अबुसाद इस्लाही ने कहा कि रामपुर रज़ा लाइब्रेरी में बहुत से मुद्रित और हस्तलिखित कुरान शरीफ की प्रतियाँ सुरक्षित हैं उनमें से कुछ प्रतियों की प्रदर्शनी पवित्र रमज़ान के महीने में लगायी जाती है। रमजान के इस मुबारक मौके पर लगी कुरान-पाक की प्रतियों की प्रदर्शनी को देखना या पढ़ना, जो हमें राहे-हिदायत की ओर ले जाती हैं, पुण्य का कार्य है। उन्होंने बताया कि यह प्रदर्शनी दिनांक 23 अप्रैल से 05 मई 2022 तक दरबार हाल में प्रदर्शित की जायेगी।
इस प्रदर्शनी में कूफ़ी लिपि में 7वीं सदी ई० में हज़रत अली द्वारा लिखा हुआ दुलर्भ कुरआन मजीद, कूफी लिपि में 8वीं सदी ई० में इमाम अबू अब्दुल्ला जाफ़र बिन मुहम्मद बिन अली द्वारा लिखित दुलर्भ कुरआन मजीद, अरबी नस्ख़ बहार लिपि का 1379 ई० का कुरान मजीद जिसमें आलगीर बादशाह के मंसबदार गज़नफ़र की एक मुहर है, अरबी नस्ख़ लिपि का 1315 ई० का लिखा हुआ बहुत ही सुन्दर कुरआन मजीद, सुलुस लिपि का 1669 ई० का कुरान मजीद जिसमें बहुत ही सुन्दर प्रति जिसके हर पृष्ठ पर 3 लाइन सुलुस लिपि में सोने से लिखाई और 12 लाइन में नस्ख़ में काली स्याही से कागज पर लिखा हुआ है, नस्ख़ लिपि का 1103 ई० का कुरआन मजीद, अरबी नस्ख़ लिपि का 1743 ई० का कुरआन मजीद जिसको मुहम्मद रज़ा कश्मीरी द्वारा बहुत ही खूबसूरत काग़ज पर किताबत किया हुआ जिसकी लाइन के बीच की जगह को सोने के पानी से सजाया है, अरबी नस्ख़ लिपि का 1152 ई० का कुरआन मज़ीद जिसके करीब कमालुद्दीन हसन बिन मु० मीरक़ अलहुसैनी अल नजफ़ी हैं इसके साथ ही ख़ते-कूफ़ी, ख़ते-नस्ख़, ख़ते-नस्तालिक़, ख़ते-रेहान इत्यादि ख़तों में कैलीग्राफियों को प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया है।
उन्होंने बताया कि यह प्रदर्शनी दिनांक 03 अप्रैल से 04 मई 2024 तक दरबार हाल में प्रदर्शित की जायेगी।