जीवन शैली

श्री बांके बिहारी एजुकेशनल सोसाइटी का पक्षी बचाओ अभियान

आगरा श्री बांके बिहारी एजुकेशनल सोसाइटी अध्यक्ष डॉ मदन मोहन शर्मा समिति परिवार सदस्यों के साथ घर-घर पहुंचकर मिटटी के बर्तन का वितरण करने का संकल्प लिया।गर्मियों में पक्षियों का सरंक्षण के लिए शुक्रवार को क्वीन विक्टोरिया इंटर कॉलेज हरीपर्वत से इस अभियान की शुरुआत की गई। इसके बाद प्रत्येक घर तक इस अभियान को पहुंचाने का संकल्प भी लिया।पक्षियों का सरंक्षण करने वाली युवाओं की इस टीम ने अपने परिचितों के घरों पर दस्तक देकर पक्षियों के लिए मिट्टी के सकोरे में पानी डालकर छतों और खिड़कियों में रखने की अपील करने के साथ ही पक्षियों को नियमित दाना पानी देने का आग्रह भी किया जा रहा है।

अभियान में जुड़े
युवा अध्यक्ष नकुल सारस्वत का कहना है कि बीते वर्षो से पक्षियों को सरंक्षण देने का अच्छा परिणाम देखकर उन्हें काफी सुकून मिला है।पक्षी बचाओ अभियान के बारे में जिससे भी जुड़ने को कहा जा रहा,वह इनकार नहीं कर रहा है।युवाओं की इस पहल के बाद घरों में चिड़ियों की चहल पहल बढ़ गई है। पक्के घर बन जाने के बाद आंगन व हरियाली की कमी से चिड़ियों का शोरगुल कम हो गया था।

जागरूकता

पक्षी बचाओ अभियान में 100 से अधिक लोग जोड़ने का संकल्प,बीते वर्ष पक्षियों को सरंक्षण देने का अच्छा परिणाम देखकर इस साल भी प्रयास किए शुरू

मरी चिड़िया देखकर शुरू किया बचाने का अभियान
दो बूंद के आस में,मर ना जाए प्यास में….

श्री बांके बिहारी एजुकेशनल सोसाइटी अध्यक्ष डॉ मदन मोहन शर्मा ने बताया कि उन्होंने कई वर्ष पहले गर्मी के दिनों में कई जगह मरी हुई चिड़िया देखकर इसका कारण तलाशा था।कई ग्रामीणों से चर्चा के दौरान जब पीने का पानी की वजह का पता चला था। इसके बाद सबसे पहले पक्षियों को दाना पानी देने की शुरुआत की थी।गर्मी के मौसम में मिटटी के सकोरे से चिड़ियों का पानी पीना देख कर उन्हें काफी सुकून मिलने लगा था। इसके बाद से पक्षियों को सरंक्षण देने का अभियान को विस्तार किया गया है। लोगों से छतों और आस पास में मिटटी के बर्तन में पानी रखने की अपील

अभियान का हिस्सा बनने के लिए
सोशल मीडिया पर वीडियो से प्रेरित कर रहे है अधिक से अधिक युवाओं ने अपनी भागीदारी शुरू करने की अपील। इस मौके पर विदुषी सिंह,अंकिता जोशी, काजल सिंह,शैलेश सिघल,अरुण श्रीवास्तव,गब्बर राजपूत,निक्की भगत, सोम शर्मा,आलोक शर्मा आदि कई लोग उपस्थित थे