संवाद/ विनोद मिश्रा
बांदा। रमजान माह के आखिरी जुमा पर रोजेदारों ने मस्जिदों में नमाज अदा कर बरकतों से भरपूर माह को विदाई दी। नमाज के खुत्बे में ‘अलविदा-अलविदा या शहरुल रमजान’ सुनकर तमाम रोजदारों की आंखों से आंसू छलक पड़े। मुल्क में अमन, सलामती और आपसी सद्भाव की दुआएं की गईं। शुक्रवार को रमजान माह का पांचवां और आखिरी जुमा था। इसे अलविदा भी कहते हैं। मस्जिदों में अन्य दिनों के मुकाबले कई गुना ज्यादा नमाजी पहुंचे। मुख्य नमाज शहर की नवाबी जामा मस्जिद में हुई। हथौरा मदरसा के मौलाना ने नमाज अदा कराई। इस दौरान रमजान की खूबियां बयां कीं। मस्जिद के बाहर पुलिस तैनात रही। एसपी अंकित अग्रवाल और सिटी मजिस्ट्रेट भी मौजूद रहे।
अन्य मस्जिदों और मुस्लिम मोहल्लों में भी पुलिस तैनात रही। इनके अलावा शेख सरवर की मस्जिद के अलावा मरकज वाली मस्जिद, हाथी खाना, अलीगंज, बोड़े की मस्जिद, ऊंट मोहाल, कचहरी वाली मस्जिद, केवटरा, डिग्गी चौराहा, बलखंडी नाका, छिपटहरी आदि इलाकों की मस्जिदों में भी जुमा अलविदा की नमाज अदा की गई।