जूता निर्माण की अदभुत कला से देवकी नन्दन फिर ‘मैदान’ में
शू डिज़ाइनर सोन ने बनाये हैं फिल्म मैदान के लिए जूते
आगरा। प्रख्यात फिल्म निर्माण बोनी कपूर के प्रोडेक्शन हाउस की 250 करोड रूपये की लागत से बनी भारतीय फुटवाल टीम के मैंनेजर सैय्यद अब्दुल रहीम की जीवनी पर आधारित अभिनेता अजय देवगन की वहुप्रतिक्षित फिल्म “मैदान” अब 10 अप्रैल को सिनेमा घरों में बड़े पर्दे पर प्रदर्शित होने जा रही है।
इस फिल्म के निर्माण का एक रिश्ता आगरा के मशहूर शू डिज़ाइनर देवकी नन्दन सोन से जुड़ा हुआ है। जिन्होंने मैदान फिल्म में फुटवाल खेल रहे सभी कलाकारों के लिए पहने जाने वाले फुटवाल शूज को डिजाइन किया तथा उनके पुत्र कबीर नन्दन के सुपरवीजन में इन जूतों का निर्माण कराकर फिल्म के प्रोडेक्शन हाउस को सप्लाई किये गये हैं।
अभिनेता अजय देवगन भारतीय कोच सैय्यद अब्दुल रहीम की भूमिका में नजर आयेंगे, फिल्म में 1952 से 1962 के कालखण्ड के बीच की सच्ची घटनाओं के भावुक क्षणों को दिखाया गया है। इसमें एशियाई खेलों को भी शामिल किया गया है तब भारतीय टीम के कोच और मैंनेजरं सैय्यद अब्दुल रहीम के नेतृत्व में भारतीय फुटवाल टीम ने सफलता पायी थी। उस यादगार क्षण का फिल्मांकन दिल को सुखद अनुभूति कराता है।
शू डिजाइनर देवकी नन्दन सोन ने बताया कि फिल्म में भारतीय टीम के साथ दक्षिण कोरिया की टीम के लिए भी जूते का निर्माण उन्होंने अपने बेटे कबीर नन्दन के सहायक लक्ष्मी नरायन, पंचम सिंह, निरजंन सिंह, जयप्रकाश, ऐजाज काले की कार्यदक्षता का प्रयोग किया गया है। फिल्म के ट्रेलर में भी जूते को फुल स्कीन पर दिखते हुए जूते के निचले भाग के सोल को भी प्राथमिकता से दिखाया गया है जो आगरा के जूता दश्तकारों के हुनर को प्रमाणित करता है। यह आगरा के जूता उधोग के लिए सम्मान की बात है। स्मरणीय है कि मैदान फिल्म के लिए पहले पंजाब के जलन्दर शहर में जूते बनवाये गये लेकिन वह तकनीकि टैस्ट में फेल हो गये तब प्रोडेक्सन हाउस ने आगरा के मशहूर डिजाइनर देवकी नन्दन से सम्पर्क किया।
विश्व धरोहर आगरा के ताजमहल के नजदीक सिद्धार्थ नगर (गोबर चौकी) मोहल्ले में 1954 में जन्मे देवकी नन्दन ने बचपन में अपने घर की छत से ताजमहल देखा और घर के नीचे बैठकर अपने दादा मिस्त्री जवालीराम को जी तोड मेंहनत कर जूते बनाते देखा था। 1970 में अपने पिता राम स्वरूप सोन के घर पर ही एक कमरे के कारखाने में पूर्णतः लेदर सोल के चैनर वाले जूते बनते देखा तब लेदर सोल का स्थान रवर सीट के सोल ने लेना प्रारम्भ कर दिया था तभी देवकी नन्दन ने सोचा कि जूते की हस्तकला भी, उन्हें ताजमहल की तरह, चमका सकती है।
उन्हें अब जूते का कारखाना ही चलाना है, काम के प्रति रुचि देखकर पिता रामस्वरूप सोन ने पुत्र देवकी नन्दन को 1971 में सेंट्रल फुटवीयर ट्रेनिंग सेंटर से शू डिज़ाइनर की ट्रेनिंग के लिए ऐडमीशन करा दिया 1972 में ट्रेनिंग पूरी कर देवकी नन्दन ने अपने मामा मोती लाल कदम की फैक्ट्री मुन्नाको फुटवीयर काजीपाडा में शू डिजाइनिंग की प्रेक्टिस प्रारम्भ कर दी फिर देवकी नन्दन सोन की किस्मत ने ऐसा पल्टा खाया कि उनके बनाये जूते यूरोपियन देशों में पसन्द किये जाने लगे उन्होंने लेक्मे फैशन बीच के साथ-साथ 2021 में आई कबीर खान की फिल्म 83 के लिए भी जूतों का निर्माण किया। सोन ने विख्यात किकेटर सुनील गावस्कर के लिए भी “सनी ब्राण्ड” के जूते सप्लाई किये थे सोन के बनाये जूतों को फिल्म निर्माता यश चौपडा, दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित. पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार भी पसन्द करती रहीं हैं। सोन को जूता निर्माण के क्षेत्र में अनेकों सम्मान मिले हैं।