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गर्भवती, प्रसूता और नवजात के लिए करें 102 नंबर एम्बुलेंस का इस्तेमाल- सीएमओ

जनपद में 102 नंबर की 44 एम्बुलेंस क्रियाशील हैं

    आगरा। राष्ट्रीय एम्बुलेंस सेवा की शुरुआत 17 जनवरी 2014 को उत्तर प्रदेश में की गई थी। यह 102 एम्बुलेंस सेवा मुख्य रूप से गर्भवती, शिशुओं और बच्चों को सेवा प्रदान करती है। वे बुनियादी चिकित्सा सहायता प्रदान करते हैं और मरीजों को निकटतम अस्पताल तक पहुंचाते हैं । जिले में इस सेवा की कुल 44 एम्बुलेंस क्रियाशील हैं। गर्भवती, प्रसूता, नवजात और दो साल तक के बच्चों द्वारा स्वास्थ्य इकाई तक आने और वहां से वापस जाने के लिए 102 नंबर (टोल फ्री नंबर) एम्बुलेंस सेवा का इस्तेमाल करने की अपील मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव की है ।

    मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि 102 नंबर एम्बुलेंस सभी सरकारी अस्पतालों पर खड़ी रहती हैं । इन पर किसी भी मोबाइल नंबर या लैंडलाइन के जरिये कॉल करके सरकारी प्रावधानों के अनुसार 24 घंटे सेवा ले सकते हैं। इस समय औसतन एक दर्जन लाभार्थी प्रतिदिन इस सेवा का इस्तेमाल कर रहे हैं । गर्भवती जब कभी भी प्रसव पूर्व जांच के लिए सरकारी अस्पताल आती हैं तो वह इस सेवा का उपयोग कर सकती हैं । उन्हें यह एम्बुलेंस न केवल घर से अस्पताल तक लाएगी बल्कि घर पर भी वापस छोड़ेगी । सरकारी अस्पताल में जन्म लेने वाले बच्चों को घर ले जाने के लिए भी इस एम्बुलेंस का इस्तेमाल किया जाता है । दो साल तक के बच्चे को अगर स्वास्थ्य संबंधी कोई दिक्कत हो तो सरकारी अस्पताल तक लाने और घर ले जाने के लिए इस सेवा का इस्तेमाल कर सकते हैं । नसबंदी सेवा अपना चुकी महिला को घर छोड़ने के लिए भी यह एम्बुलेंस उपयोग में आती है।

    एम्बुलेंस सेवा के नोडल अधिकारी डॉ. एसके राहुल ने बताया कि 102 नंबर एम्बुलेंस सेवा एक बेसिक लाइफ सपोर्ट सेवा है और इसमें प्राथमिक देखभाल की सभी सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं। इसके पायलट और इमर्जेंसी मेडिकल टेक्निशियन (ईएमटी) प्रशिक्षित होते हैं । गर्भवती और दो साल तक के बीमार बच्चों को एक सरकारी अस्पताल से दूसरे उच्च सरकारी अस्पताल तक ले जाने में भी इस एम्बुलेंस का इस्तेमाल किया जाता है । एम्बुलेंस सेवा के नोडल अधिकारी की देखरेख में जिला महिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बाह, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अछनेरा और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फतेहाबाद में एम्बुलेंस हेल्प डेस्क भी कार्य करता है । वहां सेवाएं लेने वाली लाभार्थी हेल्प डेस्क की मदद से घर जाने के लिए भी सम्पर्क कर सकती हैं।