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अप्रैल नें गर्मी का तोड़ा 11 साल का रिकाॅर्ड, पारा 44 डिग्री पहुंचा


संवाद/ विनोद मिश्रा

बांदा। चुनावी गर्मी पर मौसम की गर्मी हावी है। बदन झुलसा देने वाली गर्मी से लोगों को राहत मिलती नहीं दिख रही है। अप्रैल माह के अंतिम दिन मंगलवार को 11 साल बाद तापमान ने 2012 की बराबरी करते हुए 44 डिग्री के आंकड़े को छू लिया है।
मंगलवार को सुबह से ही आसमान से आग बरसने लगी थी। गर्म हवाओं के थपेड़े लोगों को सुई की तरह चुभ रहे थे। तेज धूप के कारण सड़क पर लोगों का चलना मुश्किल हो रहा था। थोड़ी-थोड़ी देर में गला सूखने से पानी की जरूरत पड़ रही थी। सड़कों में सन्नाटा पसरा था, लेकिन जो लोग जरूरी काम से निकले थे, वह शरीर को पूरी तरह ढके हुए थे।


कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक दिनेश शाहा का कहना है कि पश्चिम विक्षोभ के सक्रिय होगा तो राहत मिल सकती है, लेकिन अभी इसके लिए इंतजार करना होगा। बताया कि मंगलवार को तापमान 44 सेल्सियस रहा। 11 साल पहले 2012 में 26 अप्रैल को अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस था। उधर, चित्रकूट में भी भीषण गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। अप्रैल में ही मई जैसी गर्मी से लोग बेहाल रहे। एक सप्ताह से लगातार तापमान में उतार-चढ़ाव दिखा। मंगलवार को 44 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। अप्रैल माह में कभी तापमान इतना नहीं पहुंचा।

तेज धूप में लोग छांव की तलाश करते दिखे। हवा भी दस किलो मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली। हालांकि शाम को हल्की बदली छा जाने से लोगों को राहत मिली। तुलसी कृषि विज्ञान केंद्र गनीवां के मौसम वैज्ञानिक डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि मंगलवार को अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आने वाले दिनों में यह और बढऩे की संभावना है। ऐसे में लोगों को विशेष सतर्क रहने की जरूरत है।