संवाद/ विनोद मिश्रा
बांदा। किसानों पर आफत के बादल मंडरा रहे हैं। खसरा की अनउपलब्धता उसका आर्थिक शोषण का सबब बन गई हैं। सरकारी क्रय केंद्रों में खसरा की अनिवार्यता है। आन लाईन खसरा मिल नहीं रहा। किसान मजबूरी में समर्थन मूल्य से कम दामों में अनाज खुले बाजार में बेचने को बाध्य हैं। इस संदर्भ में जिले के वरिष्ठ समाज सेवी किसान नेता जयराम सिंह बछेउरा नें मुख्य मंत्री को पत्र लिखकर समस्या से अवगत कराया है। किसान हित में प्रभावी निर्देश देनें की गुजारिश की है।
किसान नेता जयराम सिंह नें सीएम योगी को पत्र में अवगत कराया है की सरकार द्वारा 28 मार्च 2024 को दलहन और तिलहन का समर्थन मूल्य घोषित किया है,इसमें आन लाईन खसरा की व्यवस्था दी गई है। लेकिन दुखदाई स्थिति यह है की एक माह बीत जानें के बाद भी राजस्व विभाग द्वारा न तो आन लाईन खसरा निर्गत किया जा रहा है और न ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। किसान एक माह से सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य में अपनी उपज बेचने के लिये दर -दर की ठोकरें खा रहे है। अधिकारियों की चौखट पर दस्तक दें रहे हैं पर कोई सुनवाई नहीं हो पा रही। किसानों की समस्या का निदान नहीं हो पा रहा।
किसान नेता जयराम सिंह नें यह भी बताया की किसान मजबूरी में मंडी में समर्थन मूल्य से सात -आठ सौ रुपये प्रति कुंतल कम दर में मसूर बेच रहे हैं। किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।
समाजसेवी किसान नेता जयराम सिंह नें मांग की है तत्काल आन लाईन खसरा निर्गत करानें का निर्देश दें या फिर पुरानी व्यवस्था बहाल हो। साथ ही अब तक खसरा निर्गत करने में विलंब क्यों हुआ इसकी जांच कर दोषियों को दंडित करायें।