राजस्थान

अजमेर संभाग में पहली बार सफलतापूर्वक बाईपास सर्जरी की हुई शुरूआत

संवाद।।मोहम्मद नज़ीर क़ादरी

अजमेर । 47 वर्षीय पुरुष, ज० ला० ने० चिकित्सालय, अजमेर के सीटीवीएस विभााग में पैरों की धमनी के रूकावट के चलते आया, जिसके कारण उसे चलने में असहनीय पीडा थी। उसकी जे०एल० एन चिकित्सालय में निःशुल्क डॉ० रीना माथुर, विभागाध्यक्ष, रेडियोलोजी विभाग द्वारा कलर डॉपलर कराई गई। जिसमें पैर की धमनियों में रूकावट पाई गई। इसके बाद डॉ० राकेश महला ने जांच करके कोरोनरी एंजीयोग्राफी का निर्णय लिया। एंजीयोग्राफी में हृदय की मुख्य धमनी एलएडी आर्टरी का डिसेक्शन होना पाया गया जिसकी एंजीयोप्लास्टी संभव नहीं थी। मरीज का हृदय भी सिर्फ 40 प्रतिशत ही काम कर रहा था। इसकी सी ए बी जी बाईपास सर्जरी करना ही उचित समझा और ऐनेस्थीसिया के लिये डॉ० वीना माथुर, विभागाध्यक्ष, निःश्चेतना ने मरीज की संपूर्ण जांच कर ऑपरेशन कराने का निर्णय लिया गया। अधीक्षक डॉ० अरविन्द खरे ने मरीज को ऑपरेशन में आनेवाली समस्त सामान मुख्य मंत्री आयुष्मान आरोग्य योजनान्तर्गत के तहत मेडियकेयर ड्रग स्टोर द्वारा निःशुल्क उपलब्ध कराया ।

सीटीवीएस विभाग के डॉ० प्रशान्त कोठारी ने मरीज की सहमति के बाद सोमवार दिनांक 6.5.24 को उसकी सफलतापूर्वक बाईपास सर्जरी करी। इसके बाद तीन दिन तक विभागाध्यक्ष सर्जरी डॉ० शिव बुनकर विभागाध्यक्ष सर्जरी की टीम और निःश्चेतन विभाग की टीम ने पोस्ट ऑपरेटिव आईसीयू में मरीज की देखभाल की। मरीज द्वारा चिकित्सालय में अस्पताल में 4 दिन बिताने के बाद अब वह पूर्ण रूप से स्वस्थ है एवं डिस्चार्ज के लिये तैयार है।

उल्लेखनीय है कि अजमेर संभाग में पहली बार अजमेर के ही चिकित्सकों के

द्वारा बाईपास सर्जरी की गई। डॉ० प्रशान्त कोठारी के नेतृत्व में अस्पताल के सीटीवीएस विभाग में हर प्रकार की हार्ट सर्जरी एएसडी, वीएसडी, वॉल्व रिप्लेसमेंट की जा रही है। प्राईवेट चिकित्सालय में यही सर्जरी लगभग 3.50 लाख रू० में होती है जिसके

लिये भी मरीज को जयपुर जाना पडता था। ज० ला० ने० चिकित्सालय में यह सर्जरी मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजनान्तर्गत पूर्णतया निःशुल्क की गई है।

अभी तक बाईपास सर्जरी की सुविधा प्रदेश के सिर्फ 2 सरकारी चिकित्सालयों जयपुर व जोधपुर में ही उपलब्ध थी। अब से ज० ला० ने० चिकित्सालय, अजमेर में भी यह सुचारू रूप से प्रारंभ हो गई है।

ऑपरेशन निःश्चेतन विभाग के डा० रतन, डॉ० दीपिका, डॉ० वीणा माथुर और सर्जरी विभाग के डॉ० पूजा, डॉ० अविनाश (रेजीडेन्ट), परफ्‌यूनिस्ट प्रताप एवं समस्त नर्सिंग

कर्मियों का सहयोग रहा। मेडीकल कॉलेज, अजमेर के प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक डॉ० वी० बी० सिंह, नेतृत्व में चिकित्सालय नित नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।

क्या होती है बाईपास सर्जरी

हृदय की धमनियों में कॉलेस्ट्रॉल जमने के कारण जब रूकावट उत्पन्न होती है उसमें मरीज को असहनीय चेस्ट पेन होता है एवं जटिल तरह की रूकावत जिसमें हृदय की तीनों धमनियां ब्लॉक हो, या फिर किसी कारण से स्टेंट ना लग पायें उस केस में हृदय की बाईपास सर्जरी होती है। इसमें मरीज के दिल को बन्द करके ऑपरेशन के दौरान हार्ट-लंग मशीन पर लिया जाता है एवं फिर मरीज के पैरों की नस अथवा छाती की नस को निकाल कर बाईपास रूट बनाया जाता है।

भविष्य में सीटीवीएस विभाग में टोटल अतिरिक्त सीएबीजी भी करना प्रस्तावित

है।