संवाद – अज़हर उमरी
भाजपा के सारे के सारे नेता आरक्षण को खत्म करना चाहते हैं और मेरे रहते यह मैं होने नहीं दूंगा
लखनऊ । लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में राष्ट्रीय संविधान सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष श्री राहुल गांधी जी ने सामाजिक न्याय की क्रांति का आगाज करने आए हजारों लोगों से कहा कि आप सब यहां मेरी बात सुनने के लिए आये हैं इसके लिए मैं दिल से आप सबका सम्मान करता हूं। उन्होंने कहा कि समाज में अंतिम पंक्ति में खड़े हुए लोगों का भविष्य उनके पैदा होने से पहले ही तय हो जाता है। आदिवासी, दलित, पिछड़े समुदायों के साथ विडम्बना यह थी कि उनके पैदा होने के पहले ही उनकी क्षमताओं का मूल्यांकन भी नहीं होता था, और उनका भविष्य तय हो जाता था। और हिन्दुस्तान के सभी लोगांें को छोटे-छोटे खांचों मंे डाल दिया जाता था, आप इस काम के लायक हो, आप इस काम के लायक नहीं हो, आप इस काम को कभी नहीं कर सकते, आप यह बातें कभी नहीं बोल सकते इन दायरों में आपको पैदा होने से पहले ही बांध दिया जाता था। यह निर्णय आपके पैदा होने से पहले ले लिया जाता था कि आपको कोई छुयेगा नहीं, आप कभी जमीन नहीं खरीद पाओगे और यह सब आपके पैदा होने से पहले तय हो जाता था।
राहुल गांधी ने कहा कि हिन्दुस्तान के करोड़ों लोगों ने हजारों सालों से इस प्रकार की वेदना भरी जिन्दगी जी है। उन्होंने अपना भविष्य तय नहीं किया समाज ने उनके पैदा होने से पहले उनका भविष्य तय कर दिया। तो आप सोचिए कि उन्होंने कितना दुख, दर्द सहा होगा। उनकी योग्यता कितनी जाया हुई है, और इस कुरीती को बदलने के लिए बहुत सारे लोग खड़े हुए जिनकी ऐतिहासिक लिस्ट है, और उन सबके सब में एक ही बात समान थी कि जो उन्हें सच्चाई दिखाई दी उसको उन्होंने स्वीकार किया। मुझे यह दिख रहा है कि यह सच्चाई है और इस बात को मैं स्वीकार रहा हूं। राजनीति में दो तरह के लोग होते हैं एक जो दिन-रात सत्ता के पीछे दौड़ते रहते हैं, वह सच्चाई को कभी स्वीकारते नहीं ना अपनी सच्चाई स्वीकारते हैं और ना ही किसी और की सच्चाई स्वीकारते हैं उनको सिर्फ एक चीज दिखती है, किसी ना किसी तरह से मेरे हाथों में सत्ता आ जाये बाकि सब छोड़ो।
और दूसरे तरीके के लोग होते हैं जो कहते है कि यह सच्चाई है इसको मैं स्वीकार कर रहा हूं चाहे मुझे अच्छा लगे या बुरा लगे मगर मुझे जो दिख रहा है उस बात को मैं पूरी तरह स्वीकार कर रहा हूं।
समाज में बहुत महान लोग आये जिन्होंने सामाजिक उत्थान के लिए कदम उठाये जैसे अम्बेड़कर जी, महात्मा गांधी जी, पेरीयार जी, बसवन्ना जी, ज्योतिबा फुले जी, बुद्ध जी सब ने यह बात स्वीकार की जो हमने सच देखा हैं हम उस पर कायम रहेंगे और समाज का उद्धार करेंगे।
हिन्दुस्तान में बहुत सारे आंदोलन हुए मगर पिछले तीन हजार सालों में सबसे सफलतम मूवमेन्ट है भारत का संविधान और यह संविधान अम्बेड़कर जी ने दिया, गांधी जी ने दिया मगर यह एक सोच है। यह अम्बेड़कर जी से पहले भी था इसमें बुद्ध भी हैं, बसावना जी भी हैं इसमें पेरीयार हैं, इसमें गांधी हैं और इसमें सिर्फ वह ही नहीं हैं बहुत सारे ऐसे भी लोग भी जिनके नाम किसी ने सुने भी नहीं वह इसी संविधान के लिए लड़े थे।
संविधान की इस लड़ाई में किसान थे, मजदूर थे, बढ़ई थे कई लोग थे जो संविधान के लिए लडे़ लेकिन हम उनका नाम तक नहीं जानते मगर उनकी सोच इस संविधान में है। तो भी मेरा कहना है कि हिन्दुस्तान मे अन्याय की सच्चाई को जो स्वीकारता है उसकी सोच इस संविधान में है और इसनेे करोड़ों लोगों के लिए दरवाजे खोले हैं। इस संविधान को बनाने के पीछे जवाहर लाल नेहरू, अम्बेड़कर, गांधी जी जो चाहते थे उससे अब तक कम लोगों को इस किताब से फायदा हुआ। हमारी लड़ाई इस संविधान का पूरा हक दिलाने की है, इस संविधान को लोग कहते हैं कि यह अधिाकर का पत्र है, इससे हमें लोकतांत्रिक अधिकार मिलता है, मगर यह संसाधनों के हस्तांतरण का अधिकार भी देता है, यह कौशल के हस्तांतरण का अधिकार भी देता है।
अगर हम आज के हिंदुस्तान को देखे तो मैं 15, 20, 30, 40, 50 साल पहले की बात नहीं कर रहा हूं मैं आज की बात कर रहा हूं। अगर आज हम अपने देश के लोगों को देखें तो 50 प्रतिशत पिछड़ा, 15 प्रतिशत दलित, 8-10 प्रतिशत आदिवासी, 15 प्रतिशत अल्पसंख्यक और 5 प्रतिशत गरीब अर्थात 95 प्रतिशत आबादी।
आज पब्लिक सेक्टर में, न्यायपालिका, मीडिया में इन 95 प्रतिशत लोगों के लिए रास्ते नहीं खुले हैं। आप 200 सबसे बड़ी कंपनियों की लिस्ट निकालिए उनके सीनियर मैनेजमेंट की सूची निकालिए उनमें यह 95 प्रतिशत लोग कहीं नहीं मिलेंगे।
अग्निवीर में नुकसान किसका है? एससी, एसटी ओबीसी का। अग्निवीर सीनियर लेवल पर नहीं हैं यह सिर्फ जवानों के लिए है। मैं एक बात कह रहा हू सब कुछ छोड़ दीजिए जातीय जनगणना करा लीजए यह पता लगाईये कि देश में कितने प्रतिशत एससी, एसटी, ओबीसी और गरीब हैं और इससे उनकी अवस्था की सच्चाई पता लग जायेगी। इस सच्चाई से लोग क्यों डर रहे हैं?
अगर देश को मजबूत बनाना है तो जो मोदी जी सुपर पावर की बात करते हैं तो इस आबादी के बिना संभव ही नहीं है। अगर इस 95 प्रतिशत आबादी को सभी जगहों से वंचित कर दिया जायेगा तो हम कौन सा सुपर पावर बना पायेंगे। मतलब मोदी जी क्या बस 5-10 प्रतिशत देश की आबादी को ही सुपर पावर बनायेंगे? सुपर पावर तो 90-95 प्रतिशत है।
अब इस संविधान पर आक्रमण हो रहा है। मोदी जी कहते हैं मैं इस संविधान को रद्द नहीं करना चाहता हूं, जब आप सीबीआई और ईडी को लेकर राजनीति और लोकतंत्र पर आक्रमण कर रहे हो तो आप संविधान पर हमला कर रहे हो। जब आप बिना किसी से पूछे नोटबंदी करते हो और करोड़ों आदिवासी, दलितों, पिछड़ों के हकों पर हमला करते हो तो संविधान पर हमला करते हो, जब आप सभी संस्थानों में आरएसएस के लोग भरते हो तो संविधान पर हमला करते हो, जब आप अग्निवीर योजना बिना सेना से पूछे लागू करते हो तो संविधान पर हमला करते हो।
मोदी जी राजा हैं, मैं सच बोल रहा हूं, उन्हें संविधान से कुछ लेना देना नहीं, उन्हें कैबिनेट से कोई लेना देना नहीं, उन्हें पार्लियामेंट से कोई लेना देना नहीं। वह तो 21वीं सदी के राजा हैं, वह एक अहंकारी राजा हैं। उनके जो दो से तीन फायनेंसर हैं, वही टैंपो वाले असलियत में राजा वही है, असलियत में पावर उनके पास है मोदी जी के पास नहीं।
अब इनका लक्ष्य है कि पब्लिक सेक्टर को समापत करो और जो दलितों, पिछड़ों के आदिवासियों की तरक्की के रास्ते हैं उन्हें एक-एक करके बंद करो। अब इनके सारे नेता खुलकर कह रहे हैं कि आरक्षण को खत्म कर देंगे और मैं खुल कर कह रहा हू कि आप आरक्षण को कभी खत्म नहीं कर पाओगे, क्योंकि आरक्षण 95 प्रतिशत लोगों की आवाज है।
यह लोग आरक्षण पर आक्रमण, संविधान पर आक्रमण, आर्मी पर आक्रमण, आर्थिक तंत्र पर आक्रमण कर रहें हैं क्योंकि इनके पीछे धन है अरबों रूपये है। मोदी जी परेशानी में हैं बौखला गये हैं और अडानी और अंबानी का नाम ले रहे हैं कह रहे हैं कि आओ-आओ मुझे बचाओ। देश के लोग तो आरक्षण की बात कर रहे हैं, संविधान की बात कर रहे हैं आओ मुझे बचाओ।
श्री राहुल गांधी ने कहा कि मैंने हजारों किलोमीटर की पदयात्रा करके लोगों की वेदना और पीड़ा को समझा और महसूस किया। उस यात्रा के बाद मेरा नज़रिया पूरी तरह बदल गया है। मैं अब लोगों के दर्द और मर्म को महसूस कर सकता हूं, और ना सिर्फ उनके दुख दर्द में खड़े होने की कोशिश करता हूं बल्कि उनका समाधान भी करने की कोशिश करता हूं।
राहुल गांधी ने कहा कि ईडी ने मुझसे 50 घंटे से अधिक पूछताछ की। ईडी के लोगों को मैंने कहा कि मैं यहां तुम्हारे बुलाने पर नहीं आया हूं, मैं यहां खुद आया हूं, और सिर्फ यह जानने आया हूं कि संविधान को खत्म करने की कोशिश कौन कर रहा है।
ईडी जहां पूछताछ कर रही थी वहां एक छोटी सी जेल भी थी। मैंने सोचा कि मेरे पूर्वजों ने यहां 10-12 साल अंग्रेजों की जेल में बिताएं हैं मुझे भी यहां 10-12 साल रहना पडे तो भी मैं यह लड़ाई जारी रखूंगा। अब चुनाव हो रहा है नरेन्द्र मोदी जी प्रधानमंत्री नहीं बन रहे है। यह लिख कर ले लीजिए वह 180 सीटें भी नहीं लेकर आ रहे हैं।
एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी से किसी भी मंच पर डिबेट को तैयार हूं लेकिन मैं जानता हूं कि प्रधानमंत्री जी डिबेट नहीं करेंगे, और इसके लिए हमारे खरगे जी भी तैयार हैं।
आज के सम्मेलन में डॉ0 अनिल जयहिंद, श्री गुरदीप सप्पल, पूर्व न्यायाधीश ऐश्वर्या, पूर्व न्यायाधीश वीरेन्द्र सिंह यादव, राजेन्द्र पाल गौतम, सुभाषिनी शरद यादव, प्रोफेसर रविकांत, कार्यक्रम में विशेष रूप से राष्ट्रीय महासचिव के0सी0 वेणुगोपाल, राष्ट्रीय महासचिव प्रभारी उत्तर प्रदेश अविनाश पाण्डेय, सुप्रिया श्रीनेत, आराधना मिश्रा, अभय दुबे की गरिमामयी उपस्थिति रही।