जीवन शैली

दुनिया में आज़माइशों का सामना करने वाले क़यामत में ख़ुश हो जाएंगे : मुहम्मद इक़बाल

आगरा | नहर वाली मस्जिद के इमाम मुहम्मद इक़बाल ने आज जुमा के ख़ुत्बे में लोगों को दुनिया की आज़माइशों के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “अगर अल्लाह तुम्हें कोई तकलीफ़ पहुंचाए तो ख़ुद उसके सिवा उस तकलीफ़ को दूर करने वाला कोई नहीं।”– सूरा आनआम, आयत नंबर 17। इसलिए हमें दुनिया की किसी भी परेशानी या किसी आज़माइश को अल्लाह की तरफ़ से समझते हुए उसी की तरफ़ ध्यान देने की ज़रूरत है। हम बहुत जल्दी मायूस हो जाते हैं और लोगों से इस को ‘बयान’ भी करना शुरू कर देते हैं। एक सबक़ देने वाला लेख पढ़ा था। वो आपको शेयर कर रहा हूँ, ग़ौर से सुनें– “जब आप हंसते हैं तो दुनिया आपके साथ हँसती है, मगर जब आप रोते हैं तो दुनिया आपके ऊपर हँसती है।” इस पॉइंट को समझने की ज़रूरत है। दुनिया में हर एक को अपनी लड़ाई ख़ुद लड़नी पड़ती है, दूसरा नहीं लड़ता। हम अपनी नाकामी के ख़ुद ज़िम्मेदार हैं। अपनी परेशानी में दूसरों को शामिल ना करें। ये बहुत बड़ी ‘हमाक़त’ है। अभी जो लेख सुना है इस को हमेशा याद रखें। एक हदीस हम सब के लिए बहुत ही उम्मीद वाली है। तिरमिज़ी की हदीस नंबर 2402 में बताया गया है– “दुनिया में जिन लोगों को आज़माइशों का सामना करना पड़ा था क़यामत के दिन उनको मिलने वाला अज्र व सवाब देखकर अहले आफ़ियत (जिनको तकलीफों के बग़ैर ज़िंदगी मिली) तमन्ना करेंगे कि काश दुनिया में उनकी खालें कैंचियों से कतरी जातीं।” तो इसलिए हमें आज़माइशों में सिर्फ़ अल्लाह की तरफ़ ही ‘ध्यान लगाना’ है, उसी से अपनी बात कहनी है। दूसरा कोई ऑप्शन नहीं। अल्लाह हम सबको इसकी तौफ़ीक़ अता फ़रमाए। आमीन।