जीवन शैली

दरगाह हरबन शाह चिश्ती साबरी का उर्स शरीफ मुल्क की अमन चैन की दुआ के साथ संपन्न

बुजुर्गों की बारगाह में कुल शरीफ के मौके पर दुआएं कुबूल होती हैं । सज्जादानशीन विजय कुमार जैन

आगरा।शहजादी मंडी स्थित दरगाह हज़रत हरबन शाह चिश्ती साबरी रहमतुल्लाह अलैह का जश्न ए उर्स मजार शरीफ के गुसल ( स्नान ) संदल, इत्र पाशी, चादरपोशी गुलपोशी करके फातिहा ख्वानी की गई । दरगाह आले पंजतनी पीर अलहाज तसद्दुक हुसैन अलमारूफ रमज़ान अली शाह चिश्ती साबरी रहमतुल्लाह अलैह के सज्जादानशीन पीरजादा विजय कुमार जैन अलमारूफ जैनुल आबेदीन शाह चिश्ती साबरी रमजानवी ने मेहमान ए खुसूसी के तौर पर उर्स शरीफ की सभी रस्में अदा कराई और फातिहा ख्वानी करके मुल्क के अमन चैन की और हाजरीन जायरीन की फलाह और बेहबूदी के लिए खास दुआ दरबार मे करते हुए कहा कि बुजुर्गों की बारगाह सभी अपनी दुआ और तमन्नाओं से अपने दामन को भरते हैं । अल्लाह वालों की बारगाह में रूहानी फरिश्ते हाजिर होते हैं और मांगने वालों के दामन को अल्लाह की बारगाह से पूरा करा कर भर दिया जाता है । बुजुर्गों की बारगाह में एकता और मुहब्बत का सबक सिखाया जाता है और गंगा यमुनी तहजीब का सबक सिखाया जाता है । इन दरबारो में इंसान को इंसानियत का सबक सिखाया जाता है जो इस समय की सख्त जरूरत है ।इस मौके पर विजय कुमार जैन ने अपने कलाम पेश किए और परवेज़ कबीर व उमेश चंदेल साबरी ने भी अपने कलाम पेश करके अपनी खिराजे अकीदत पेश की । इस मौके लंगर का भी एहतमाम किया गया ।
जश्न ए उर्स में सर्वश्री सज्जादानशीन पीरजादा विजय कुमार जैन, खलीफा जमील अहमद साबरी, विजय पाटनी, विनय पाटनी, वेदान्त पाटनी, खलीफा सईद साबरी, खलीफा रमज़ान खान साबरी, उमेश चंदेल साबरी, राकेश चंदेल साबरी, परवेज़ कबीर, बबलू भाई, सय्यो भाई, अब्दुल सईद साबरी, सत्तार साबरी , अरमान गद्दी आदि मौजूद रहे ।