सही समय पर उपचार न होने पर जानलेवा हो सकता है डेंगू
मच्छरों से करें बचाव
राष्ट्रीय डेंगू दिवस (16 मई 2024) पर विशेष
आगरा, । डेंगू जानलेवा हो सकता है, इस बात का अहसास मुझे तब हुआ जब डेंगू होने के कारण मैं अस्पताल तक पहुंच गया और मुझे वहां दस दिन तक एडमिट होना पड़ा। सही उपचार लेने के बाद मेरी जान बच सकी। यह कहना है दयालबाग निवासी 20 वर्षीय छात्र *सौरव* का। उन्होंने बताया कि डेंगू को आम बीमारी की तरह बिल्कुल न लें। डेंगू के मच्छर से बचाव करें। डेंगू होने पर सही उपचार न मिले तो व्यक्ति की मौत भी हो सकती है ।
सौरव ने बताया कि पहले मैं डेंगू और मच्छरों को ज्यादा गंभीरता से नहीं लेता था और लापरवाही बरतता था। वर्ष 2023 में मुझे अचानक से तेज बुखार आया। मैंने बुखार की दवा खा ली। पहले दिन आराम हुआ, लेकिन दूसरे दिन और तेज बुखार आया। साथ में उल्टी होने लगी। खाने में कुछ अच्छा नहीं लग रहा था। तीसरे दिन कमजोरी महसूस होने लगी और डॉक्टर के पास गया तो डॉक्टर ने डेंगू की जांच कराई। रिपोर्ट में डेंगू की पुष्टि हो गई। शरीर में काफी कमजोरी आ गई। ऐसे में डॉक्टर ने मुझे एडमिट होने की सलाह दी। मुझे आगरा के निजी अस्पताल में एडमिट होने के बाद उपचार दिया गया । तब जाकर मेरी तबियत में सुधार हो सका। उपचार के दौरान मेरे पिता का एक लाख रुपए खर्च हुए, अभी मैं पूरी तरह स्वस्थ हूं । सौरव ने कहा कि डेंगू से बचाव के लिए हमें सबसे पहले डेंगू के मच्छरों से बचाव करना चाहिए। अपने आस-पास मच्छरों को पनपने से रोकना चाहिए। जिससे कि डेंगू की रोकथाम हो सके। अब मैं सभी को मच्छरों से बचाव करने के लिए प्रेरित करता हूं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि हर वर्ष 16 मई को नेशनल डेंगू दिवस मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य डेंगू जैसी बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करना है । इस साल 2024 के लिए राष्ट्रीय डेंगू दिवस की थीम “डेंगू रोकथाम: एक सुरक्षित कल के लिए हमारी जिम्मेदारी” है । सीएमओ ने बताया कि डेंगू एक मच्छर जनित वायरल रोग है जो एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। डेंगू या डेंगी डेंगू वायरस से संक्रमित मच्छरों के काटने से होती है। यह मादा एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। यह साफ पानी में पनपता है। इस साल राष्ट्रीय डेंगू दिवस की थीम है-’’कनेक्ट विद कम्युनिटी, कंट्रोल डेंगू’’ । यह थीम इस तथ्य का समर्थन करती है कि सभी के प्रयासों से ही डेंगू से बचाव, नियंत्रण और इसके प्रसार पर जटिलताओं को रोका जा सकता है।
वेक्टर बोर्न रोगों के नोडल अधिकारी डॉ. सुरेंद्र मोहन प्रजापति ने बताया कि डेंगू के लक्षणों के बावजूद समय से जांच न होने की स्थिति में जब इसका बुखार छठवें से आठवें दिन में पहुंचता है तो खतरा भी ज्यादा बढ़ जाता है, लेकिन ऐसे मरीज भी समय से अस्पताल आएं तो भर्ती कर ठीक हो जाते हैं । शरीर में चकत्ते आना या नाक, मुंह व मसूड़ों से खून आना डेंगू के खतरनाक लक्षण हैं और ऐसी स्थिति में मरीज को भर्ती करना अनिवार्य है । प्लेटलेट उन्हीं मरीजों को चढ़ाने की जरूरत पड़ती है जिनके शरीर से ब्लीडिंग होने लगती है। अगर ब्लीडिंग नहीं हो रही है तो बीस हजार प्लेटलेट होने पर भी इसे चढ़ाने की आवश्यकता नहीं है, जबकि अगर ब्लीडिंग हो रही है तो अस्सी हजार प्लेटलेट रहने पर भी इसे चढ़ाना पड़ता है।
जिला मलेरिया अधिकारी राजेश गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर गुरूवार को सभी ब्लॉक क्षेत्रों में जागरूकता संबंधी गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। लोगों के बीच यह संदेश दिया जाएगा कि डेंगू का वाहक एडीज मच्छर साफ पानी में पैदा होता है। ऐसे में छत एवं घर के आसपास अनुपयोगी सामग्री इकट्ठा न होने दें। हफ्ते में एक बार टीन, डब्बा, बाल्टी का पानी खाली कर दें और दोबारा उपयोग के लिए उनको सुखाएं। प्रत्येक सप्ताह कूलर का पानी खाली कर दें और सूखा कर ही पानी भरें। पानी के बर्तन और टंकी आदि को ढंग कर रखें। हैंडपम्प के आसपास पानी इकट्ठा न होने दें। घर के आसपास के गड्ढों को मिट्टी से ढक दें। साफ जमा पानी में मिट्टी का तेल या जला हुआ इंजन का तेल डालें। दिन में भी पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें।
सहायक मलेरिया अधिकारी नीरज कुमार ने बताया कि डेंगू से बचाव के लिए मच्छरों से बचाव करना जरूरी है। इसके लिए अपने आस-पास मच्छरों को न पनपने दें। अपने घर में या घऱ के आसपास गमलों में, टायरों में, गड्ढों में पानी को जमा न होने दें। कूलर के पानी को सप्ताह में एक बार जरूर बदलें । इन्हीं में डेंगू का लार्वा पनपता है। उन्होंने ने बताया कि एंबेड परियोजना के प्रतिनिधियों के द्वारा डेंगू बचाव और जागरूकता गतिविधियों में सहयोग किया जा रहा है ।
बुखार होने पर यह करें
• प्रशिक्षित चिकित्सक को दिखाएं
• चिकित्सक की निगरानी में दवा के साथ पर्याप्त बेड रेस्ट लें
• तरल भोज्य पदार्थों का सेवन करें और खूब पानी पिएं
• तीव्र बुखार की स्थिति में 108 एंबुलेंस की सहायता से अस्पताल पहुंचें
• बुखार हो तो यह न करें
• अपने मन से दवा न लें
• शारीरिक श्रम न करें
• बुखार उतरने लगे तो निश्चिंत न हों और सावधानी जारी रखें
• बुखार ठीक होने के बाद भी बेड रेस्ट लें
डेंगू के लक्षण
• तेज बुखार
• त्वचा पर चकत्ते
• तेज सिर दर्द
• पीठ दर्द
• आंखों में दर्द
• मसूड़ों से खून बहना
• नाक से खून बहना
• जोड़ों में दर्द
• उल्टी
• डायरिया
डेंगू की स्थिति जिले में
वर्ष कुल केस
2021 1161
2022 35
2023 173
2024 0