संवाद/। विनोद मिश्रा
बांदा। जिले में भीषण गर्मी एवं पानी के अभाव में चारा जहरीला हो गया है। इसको खानें से गौ वंशों की मौतों का सिलसिला शुरू है। इससे जिला प्रशासन में हड़कंप की स्थिति है।
नरैनी तहसील में इस जहरीला चारे को खानें से गौवन्सो नें दम तोड़ दिया। इनकी मौतों से इलाके में जन आक्रोश की स्थिति उत्पन्न होने लगी। जिला प्रशासन तुरंत हरकत में आया और सूझ -बूझ का परिचय देते हुये स्थिति को बिगड़ने से पूर्व ही नियंत्रित कर लिया।
गौवन्शो के मरने की सूचना पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व राजेश कुमार के निर्देश पर मोतिहारी गोवंश प्रकरण में टीम गठित कर जांच कराई गई।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी एस के बैस ने बताया कि सूचना मिली थी कि यहां कुछ गोवंश मृत पड़े हैं इसके निरीक्षण के लिए डिप्टी सीवीओ, ईओ द्वारा पहुंचकर सबसे पहले उनका पोस्टमार्टम का कार्य कराया। यह प्रतीत हो रहा है कि जिन गौवंश की मृत्यु हुई है, वे संभवतः हाइड्रोसेनिक एसिड की प्वाइजनिंग की वजह से हुई है। यह प्वाइजनिंग बिना सींचे हुए हरे चारे को खाने से उत्पन्न होती है। इस घास को जब दो-तीन दिन पानी नहीं दिया जाता है तो जहरीली हो जाती है।जो जीव जंतु इस चरी/घास को खाता है तो उसकी प्वाइजन की वजह से मृत्यु हो जाती है। बताया कि सभी गौवंशो का फूड कंटेंट हमने एकत्र कर लिया है, जिसको मथुरा परीक्षण के लिए भेजेंगे। उप जिलाधिकारी नरैनी विकास यादव ने बताया कि संबंधित सभी घासों का सर्वे होगा, इसको सिंचाई होगी। अथवा नष्ट कराया जाएगा।