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बीमा कंपनी लगा रही किसानों को चूना : खरीफ में 17 करोड़ वसूले, दिया महज 2.44 करोड़


संवाद/ विनोद मिश्रा


बांदा। फसल बीमा योजना किसानों के साथ छलावा साबित हो रही है।करोड़ों रुपये प्रीमियम देने के बाद भी किसानों को बीमा का लाभ नहीं मिल रहा है। बात करें खरीफ की फसल की तो बेमौसम बारिश से कुल आच्छादन की 25 फीसदी फसलों को नुकसान पहुंचा था। लेकिन ठगी पर उतारू बीमा कंपनी ने अभी तक 468 किसानों को महज दो करोड़ का क्लेम दिया है। इधर, रबी में ओलावृष्टि से फसलों को खासी क्षति हुई है, लेकिन कंपनी द्वारा एक भी मामले का निस्तारण नहीं किया गया। हालांकि प्रीमियम के तौर पर कंपनी किसानों और सरकार से 18 करोड़ ले चुकी है।
योजना का उद्देश्य है की प्राकृतिक आपदा से फसलों के क्षतिग्रस्त होने पर मदद हो सके, इसके लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की गई थी।

खरीफ सीजन 2023 में जिले के ऋणी व गैर ऋणी 45971 किसानों ने 48877 हेक्टेयर फसल का बीमा कराया था। यूनिवर्सल कंपनी ने किसानों से चार करोड़ 68 लाख, केंद्रांश छह करोड़ 57 लाख, राज्यांश छह करोड़ 57 लाख मिलाकर 17 करोड़ 13 लाख रुपये प्रीमियम लिया। सितंबर, अक्टूबर में बेमौसम बारिश से 50 फीसदी फसलें खराब हो गईं। बीमा कंपनी ने महज 4235 किसानों के ही दावे स्वीकार किए और उन्हें महज 2 करोड़ 44 लाख का क्लेम दिया। अन्य दावे यह कहकर खारिज कर दिए गए कि उनकी फसल को कंपनी के मानक के अनुरूप नुकसान नहीं है।


इसी प्रकार रबी सीजन 2024 में किसान व सरकारों से प्रीमियम के रूप में 19 करोड़ से अधिक प्रीमियम वसूला है। फरवरी व मार्च में ओलावृष्टि व बारिश से फसलों को खासा नुकसान हुआ। कई गांवों में फसल के नाम पर सिर्फ ठूठ ही रह गए। जिले में सात हजार किसानों ने क्लेम के लिए दावे किए, लेकिन कंपनी ने एक भी दावे का निस्तारण नहीं किया। हालांकि नियमानुसार कंपनी को 50 फीसदी से अधिक नुकसान पर क्लेम की 25 फीसदी राशि का तुरंत भुगतान करना चाहिए।