संवाद/ विनोद मिश्रा
बांदा। चित्रकूटधाम मंडल का बांदा जिला गर्मी के मौसम में नौ तपा की जबरदस्त मार सह रहा है। इसने स्नान पर भी अंकुश लगा दिया है। सुबह आठ बजे से ही घरों की टंकियों का पानी खोलने लगता है। इस स्थिति में नहाना अग्नि स्नान सा बन जाता है। तापमान के तेवर खतरनाक आक्रामक बनें प्रदेश में रिकार्ड कायम किये हैं। मई के अंतिम सप्ताह में पारे का जो आंकड़ा है, उसने पिछले ढाई दशकों का कीर्तिमान तोड़ दिया है। इन दिनों जब पारा 50 डिग्री पर है। जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है।बिजली एवं पेयजल संकट बढ़ गया हैं।
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक इस तिथि में आमतौर पर सामान्य रूप से अधिकतम तापमान 40 डिग्री तक होना चाहिए, पर यह 50 डिग्री पर मंडरा रहा है। मंगलवार को भी पारा 50पर धाक जमाये रहा ! इससे जनजीवन अस्त-व्यस्त बना हुआ है। दोपहर होते ही सड़कों पर इक्का-दुक्का लोग ही नजर आए। राहगीर कपड़ों से चेहरा ढककर लू से बचाव करते रहे। उधर, तपिश बढ़ने से पानी की खपत बढ़ गई है। लेकिन भूजल स्तर, नदी, हैंडपंप आदि में
डिस्चार्ज के आए भारी गिरावट से पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पा रही।
कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डा. दिनेश साहा का कहना है कि तापमान में अप्रत्याशित बढ़ोतरी के पीछे प्रकृति से लगातार की जा रही छेड़छाड़ है। कहा कि पेड़ों की कटान बड़े पैमाने पर हो रही है। नदियों का जल स्तर लगातार घट रहा है। उनकी धाराएं और प्रवाह लगातार प्रभावित किया जा रहा है। नदियों का पानी मानक और गुणवत्ता के मुताबिक रहे तो तापमान पर लगाम रहता है। नदी और बांधों आदि के पानी से नमी होती है। यह नदारद है।